कमीशनखोरी मामले को लेकर कांग्रेस के मीडिया विभाग के चीफ रणदीप सुरजेवाला ने कर्नाटक की बोम्मई सरकार पर तीखा निशाना साधा है। उनका कहना था कि अब बीजेपी सरकार संत महात्माओं को भी नहीं छोड़ रही है। उनसे भी वसूली की जा रही है। इन्हें चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।
सुरजेवाला ने कहा कि सीएम बसवराज बोम्मई को इस मामले में जांच बिठानी चाहिए थी। लेकिन वो अपने मंत्री पाटिल से अनाप शनाप बयान दिलवा रहे हैं। उनका कहना था कि सीएम पहले सबूत मांगते हैं। क्या संतों की वाणी पर बीजेपी को विश्वास नहीं रहा। सुरजेवाला का कहना था कि अब संत महात्मा भी बीजेपी को गिरगिट नजर आने लगे हैं। इन्हें शर्म करनी चाहिए। ध्यान रहे कि कर्नाटक में एक लिंगायत धर्मगुरु डिंगलेश्वर स्वामी का कहना है कि मठों को मिलने वाला अनुदान सरकार 30 फीसदी कमीशन लेने के बाद ही स्वीकृत करती है।
उधर, डिंगलेश्वर स्वामी के आरोपों के बाद कर्नाटक में कमीशनखोरी का मामला जोर पकड़ता जा रहा है। ठेकेदारों से रिश्वत मांगने के आरोप पहले भी लगते थे लेकिन एक ठेकेदार की खुदकुशी से उठा विवाद बढ़ता जा रहा है। ईश्वरप्पा पर कांट्रैक्टर संतोष पाटिल को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। ईश्वरप्पा और उनके दो सहयोगियों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया था।
बताया जाता है कि ठेकेदार ने खुदकुशी से पहले मंत्री ईश्वरप्पा के खिलाफ कथित तौर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उसने कहा था कि 40 फीसदी रिश्वत मांगी जा रही थी। उडुपी की एक लॉज में ठेकेदार पाटिल का शव मिला था। उसने अपनी मौत का जिम्मेदार ईश्वरप्पा को बताया था। इसके बाद से विपक्ष ईश्वरप्पा के इस्तीफे की मांग कर रहा है। हालांकि ईश्वरप्पा ने 15 अप्रैल को इस्तीफा दे दिया लेकिन मामला थमा नहीं है।
ईश्वरप्पा का नाम सामने आने के बाद से विपक्ष मुखर है। पिछले सप्ताह ईश्वरप्पा की गिरफ्तार की मांग को लेकर कांग्रेसी नेताओं ने प्रदर्शन किया था। कर्नाटक पुलिस ने इस मामले में पूर्व सीएम सिद्धारमैया व रणदीप सुरजेवाला समेत 36 कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ केस दर्ज कर अरेस्ट भी किया था।