कर्नाटक में एक पूर्व महिला पुलिस अधिकारी अनुपमा शेनॉय ने लॉ मेकर बनने और उन राजनेताओं से तंग आकर राजनीति में कदम रखा है जो वादे तो करते हैं लेकिन कभी उन्हें पूरा नहीं करते। एक साक्षात्कार के दौरान शेनॉय ने आईएएनएस से कहा, ‘नई राजनीतिक पार्टी भारतीय जनशक्ति कांग्रेस (बीजेसी) विधानसभा चुनाव में 30 सीटों पर उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। निर्वाचन आयोग ने भी पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘भिंडी’ को मंजूरी दे दी है। कर्नाटक में करीब 30 सीटों पर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।’ कर्नाटक स्टेट कैडर में साल 2010 बैच की अधिकारी रहीं शेनॉय (37) ने बलारी जिले में डीएसपी के पद से साल 2016 में इस्तीफा दे दिया था। तब कैबिनेट मिनिस्टर से स्थानीय शराब कारोबारी को लेकर उनका झगड़ा हो गया था। शेनॉय का कहना है कि उस दौरान जनता की सेवा के लिए उन्हें प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली। इसलिए जनता की सेवा के लिए उन्होंने राजनीति में आने का फैसला लिया।
इसके लिए पिछले साल एक नवंबर को भारतीय जनशक्ति कांग्रेस का गठन किया गया, जिसका पंजीकरण 18 फरवरी को चुनाव आयोग से करा लिया गया है। बीजेसी अब राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। सूत्रों का कहना है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी शेनॉय अपने उम्मीदवार खड़े करेंगी। इस पर शेनॉय ने कहा, ‘मैं राज्य को नया नेतृत्व देने के लिए राजनीति में हूं। राज्य में तीन मुख्य दलों में युवाओं के नेता बनने के लिए तब तक कोई जगह नहीं है जब तक वह चुनाव लड़ने के लिए अमीर नहीं हो जाते।’
शेनॉय ने कहा ने आगे कहा कि उनकी पार्टी का उद्देश्य राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द, शांति, भ्रष्टाचार समाप्त करने और एक भयमुक्त समाज बनाने के लिए काम करना है। पार्टी महिला समर्थक और टिकाऊ विकास पर भी काम करेगी। पार्टी भविष्य में राज्य में शराबबंदी का भी लक्ष्य रखती है।