कर्नाटक के सीएम एच डी कुमारस्वामी ने एक बार फिर से गठबंधन सरकार की मजबूरियां गिनाईं। मजबूरियां गिनाते-गिनाते कुमारस्वामी इतने भावुक हुए कि उनकी आंखों में आंसू आ गये। लगभग रोते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि उन्हें गठबंधन सरकार में जहर पीना पड़ रहा है। बैंगलुरु में जनता दल सेकुलर ने किसानों का कर्ज माफ करने पर सीएम कुमारस्वामी को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में कुमारस्वामी ने स्वागत माला पहनने और फूलों का गुलदस्ता लेने से इनकार कर दिया और बोले, “आप को लग रहा होगा कि आपका अन्ना (भाई) या थम्मा मुख्यमंत्री बन गया है, मैं आपको बताता हूं कि मैं नहीं हूं…मैं अपना दर्द बिना बांटे हुए पी रहा हूं…जो कि जहर से ज्यादा कुछ नहीं है…मैं इस हालात से खुश नहीं हूं।” सीएम कुमारस्वामी ने कार्यकर्ताओं को साफ बताया कि उन्हें ऐसी सरकार का मुखिया बनने में, जिसको स्पष्ट जनादेश नहीं है, खुशी नहीं हो रही है।
#WATCH: Karnataka CM HD Kumaraswamy breaks down at an event in Bengaluru; says ‘You are standing with bouquets to wish me, as one of your brother became CM & you all are happy, but I’m not. I know the pain of coalition govt. I became Vishkanth&swallowed pain of this govt’ (14.07) pic.twitter.com/cQ8f90KkFT
— ANI (@ANI) July 15, 2018
कुमारस्वामी ने कहा कि पिछले एक महीने से लोन माफी के लिए राजी करने के लिए वे अधिकारियों से किस तरह की मिन्नतें कर रहे हैं ये कोई नहीं जानता है। उन्होंने जनता की आकांक्षाओं का जिक्र करते हुए कहा, “अब अन्न भाग्य योजना के तहत वे 5 किलो चावल के बजाया 7 किलो मांग रहे हैं, अब मैं इसके लिए 2500 करोड़ कहां से लाउं, एक तरफ टैक्स लगाने के लिए मेरी आलोचना की जाती है, इन सभी के बावजूद मीडिया कहती है कि मेरी लोन माफी योजना में स्पष्टता नहीं है, मुझे लगता है कि मैं दो घंटे में इस कुर्सी को छोड़ दे पाता।”

कुमारस्वामी राज्य की जनता से भी नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान वे जहां भी गये लोग उन्हें सुनने के लिए आए, लेकिन वोट देने के वक्त वे उन्हें और उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को भूल गये। उन्होंने कहा, “भगवान ने मुझे सीएम बनने की शक्ति दी है, अब वे ही फैसला करेंगे कि मुझे कितने दिनों तक सीएम बने रहना चाहिए।” उन्होंने कहा कि वे राज्य का मुख्यमंत्री किसी और मकसद से नहीं बल्कि लोगों की सेवा करने के लिए बनना चाहते थे।