मंगलवार तड़के बेंगलुरू में शुरुआती तीन घंटों में रिकॉर्ड 180 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई। इस बारिश ने एक दिन में पिछले 127 वर्षों में हुई सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इससे पहले 27 अगस्त 1890 में एक दिन में 162.1 मिलीमीटर की रिकॉर्ड बारिश दर्ज हुई थी। बारिश ने पूरे शहर में कहर बरपा दिया और सामान्य जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। सड़कें और घर बाढ़ के पानी में डूब गए हैं, जिससे 71वें स्वतंत्रता दिवस समारोहों पर पानी फिर गया। बृहत बेंगलुरू महानगर पालिका (बीबीएमपी) के आयुक्त मंजूनाथ प्रसाद ने बाद में संवाददाताओं से कहा, “सिर्फ तीन घंटे (तड़के 3.00 से 6.00 बजे तक) में हुई भारी बारिश शहर की सीवर प्रणाली झेल नहीं सकी, जिसके परिणामस्वरूप कई जगहों पर सड़कों पर बारिश का पानी जमा हो गया।” पानी भरने से हालात इतने खराब हो गए कि बचाव अभियान के लिए कोरामंगला में एसटी बेड इलाके में 40 नाव सड़कों पर उतारनी पड़ी। हालांकि राहत की बात यह रही कि इस आपदा में कोई घायल नहीं हुआ। जयानगर, बन्नरघट्टा एचआरएस लेआउट, राजाराजेश्वरी नगर, जेपी नगर, नगरभावी, थानीसंद्रा समेत कई इलाके इस भारी बारिश से प्रभावित हुए।

मूसलधार बारिश से कई पेड़, बिजली के खंभे और तार उखड़ गए। यहां तक कि समूचे शहर में बिजली की आपूर्ति ठप हो गई। अधिकारियों ने कई इलाकों में बचाव अभियान में नौकाओं का इस्तेमाल किया, जबकि कई इलाकों में सुबह से बिजली नहीं आई। बीबीएमपी नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “हमें पानी में फंसे सैकड़ों लोगों की शिकायत मिली हैं और बारिश का पानी घरों से लेकर अपार्टमेंट तक में घुस गया है।” दिन के दौरान पुलिस विभाग को यातायात संभालने में काफी परेशानी हुई, क्योंकि कई मुख्य सड़कों, सबवे और अंडर ब्रिज पर पानी भर गया था।

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मौसम विभाग के अनुसार, शहर में 1890 के बाद से अगस्त में इतनी भारी बारिश नहीं हुई थी, जब एक दिन में 166 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र के वैज्ञानिक सी.एन. प्रभु ने स्वीकार किया कि मौसम निगरानी प्रणाली इतनी भारी बारिश का अनुमान लगाने में नाकाम साबित हुई। प्रभु ने कहा, “हमने एक मध्यम वर्षा का अनुमान लगाया था, लेकिन अनुमान से तीन-चार गुना भारी बारिश दर्ज की गई है।”