कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एक पुजारी ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। अब पुलिस ने पुजारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुजारी ने मैसूर दशहरा उत्सव के उद्घाटन के लिए बुकर पुरस्कार विजेता बानू मुस्ताक को आमंत्रित करने के फैसले की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था।
पुजारी ने की थी सिद्धारमैया के फैसले की आलोचना
पुजारी गुरुराज आचार, श्री राघवेंद्र स्वामी सेवा समिति ट्रस्ट द्वारा संचालित गणपति मंदिर में कार्यरत थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक यूट्यूब समाचार चैनल से बात करते हुए पुजारी ने सिद्धारमैया के फैसले की आलोचना की और उनके खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया।
केंगेरी पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया। पुजारी को गिरफ्तार किया गया और बाद में थाने में जमानत पर रिहा कर दिया। गिरफ्तारी के बाद मंदिर ट्रस्ट ने घोषणा की कि पुजारी को उनके पद से निलंबित कर दिया गया है और उनकी टिप्पणी की निंदा की।
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पंचायत विकास अधिकारी सस्पेंड
वहीं एक अन्य मामले में पुलिस ने सिद्धारमैया को निशाना बनाकर अपमानजनक व्हाट्सएप स्टेटस पोस्ट करने के लिए कलबुर्गी जिले के एक पंचायत विकास अधिकारी के खिलाफ आरोप दर्ज किए। अधिकारियों ने कहा कि सुनतानूर ग्राम पंचायत से जुड़े प्रवीणकुमार उदगी ने 21 अगस्त को एक छेड़छाड़ की गई तस्वीर साझा की थी जिसमें मुख्यमंत्री को मुस्लिम टोपी पहने हुए दिखाया गया था। उदगी को जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया है।
इससे पहले मई में मैसूरु केंद्रीय कारागार के एक वार्डर को सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो के बाद निलंबित और गिरफ्तार कर लिया गया था। वार्डर को सिद्धारमैया के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए दिखाई दे रहा था। मधु कुमार के रूप में पहचाने गए वार्डर को बेट्टाडापुरा पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
