कर्नाटक में मंदिरों पर टैक्स लगाने वाले विधेयक को विधान परिषद द्वारा खारिज कर दिया गया है। ये कदम मायने रखता है क्योंकि राज्य में इस समय इस टैक्स को लेकर जबरदस्त बवाल का माहौल बना हुआ है। एक तरफ बीजेपी ने कांग्रेस सरकार को हिंदू विरोधी बत दिया है तो दूसरी तरफ कांग्रेस का दावा है कि पिछली बार की बीजेपी सरकार ही ये बिल लेकर आई थी।

अभी के लिए विधान परिषद द्वारा इस विधेयक को खारिज कर दिया गया है। ऐसा इसलिए हो पाया है क्योंकि विधान परिषद अभी बीजेपी के पास ज्यादा नंबर है, वहीं कांग्रेस दूसरे नंबर पर चल रही है। ऐसे में बीजेपी के पास पर्याप्त बहुमत था और इस मंदिर पर टैक्स लगाने वाले विधेयक को खारिज कर दिया गया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए ये एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

जानकारी के लिए बता दें कि कर्नाटक के इस नए बिल को लेकर बवाल की स्थिति थी। राज्य सरकार के प्रावधान के मुताबिक 1 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वाले मंदिरों को सालाना करीब 10 प्रतिशत का टैक्स दे पड़ेगा। वहीं जिन मंदिरों पर 10 लाख से 1 करोड़ के बीच उसे पांच प्रतिशत टैक्स देना होगा। इन्हीं प्रावधानों को लेकर बवाल हुआ और इन्हें हिंदू विरोधी बताया गया।

अब विरोध के बीच कांग्रेस सरकार का तर्क था कि वो तो छोटे हिंदू मंदिर के भले के लिए इस बिल को लेकर आई थी। उनका मानना था कि बड़े मंदिरों से पैसा लेकर छोटे मंदिरों के विकास में खर्च किया जाएगा। लेकिन बीजेपी और बड़ी संख्या में संत समाज इन तर्कों से ज्यादा संतुष्ट नजर नहीं आ रहा है।