गुजरात के बाद कर्नाटक में बवाल की स्थिति देखने को मिली है। खबर है कि गणेश विसर्जन के दौरान कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया, वाहनों में भी आग लगाई गई। आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक पहले कथित रूप से गणेश पंडाल पर पत्थर फेंके गए थे, उसके बाद तनाव बढ़ गया और यह टकराव की स्थिति देखने को मिली।

कर्नाटक में गणेश विसर्जन के दौरान क्या हुआ?

खबर है कि बुधवार रात को कर्नाटक के बदरिकोप्पलु गांव में गणेश विसर्जन को लेकर एक जुलूस निकाला गया था। आरोप है कि वो जुलूस जब एक मस्जिद के पास से गुजरा था, कथित तौर पर पथराव हुआ। उस पथराव के बाद ही दो समुदाय आमने-सामने आ गए और यह हिंसा देखने को मिली। कई दुकानों को आग के हवाले किया गया, पास खड़े वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया। मौके पर पहुंच पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी, तब जाकर तनाव कुछ कम हुआ और स्थिति सामान्य हुई।

सूरत के गणेश पंडाल में पथराव के बाद बवाल, हिंदू संगठन का विरोध प्रदर्शन

मांड्या में अभी कैसे हालात हैं?

अभी के लिए स्थिति को देखते हुए इलाके में बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी गई है, कहीं भी भीड़ इकट्ठा करने की इजाजत नहीं है और ऐसा होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। इस घटना पर केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी का बयान भी आया है, उन्होंने इस वारदात की कड़े शब्दों में निंदा की है, इसे शहर की शांति-व्यवस्था के लिए बड़ी असफलता बताया है। अब इस घटना को लेकर ज्यादा विवाद इसलिए है क्योंकि ऐसा ही कुछ गुजरात के सूरत में भी कुछ दिन पहले देखने को मिल गया था।

सूरत में भी हुआ था ऐसा बवाल

तब सूरत में एक गणेश पंडाल पर कथित रूप से पथराव किया गया था। उसके बाद हिंदू समुदाय के लोगों ने सड़क पर जमकर बवाल काटा और पुलिस थाने का भी घेराव किया था। उस मामले में पुलिस ने भी तेज कार्रवाई करते हुए सुबह होते-होते सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। अब यह कोई पहली बार नहीं है जब गणेश पंडाल पर पथराव हुआ या फिर किसी दूसरे त्योहार के दौरान तनाव पैदा करने के लिए ऐसी वारदातों को अंजाम दिया गया हो। हर साल ऐसी घटनाएं देखने को मिल जाती हैं और फिर दो समुदायों के बीच में संघर्ष की स्थिति भी दिखती है।