कर्नाटक की नवनियुक्त एचडी. कुमारास्वामी सरकार की कैबिनेट में 6 जून को 25 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। लेकिन, इस दौरान कुछ ऐसा हुआ कि विधानसभा अध्यक्ष केआर. रमेश कुमार बेहद नाराज हो गए। शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने के लिए उन्हें भी राजभवन में उपस्थित होना था, लेकिन ट्रैफिक जाम के कारण वह पहुंच ही नहीं सके। इससे तमतमाए रमेश कुमार ने राज्य की मुख्य सचिव के. रत्नप्रभा को पत्र लिखकर न केवल सख्त नाराजगी जताई बल्कि यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने में विफल रहने पर कड़ी फटकार भी लगाई। विधानसभा अध्यक्ष ने लिखा, ‘मैं ट्रैफिक जाम में फंसकर आधे घंटे तक इंतजार करता रहा और आखिरकार शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए बिना ही लौट गया। मुझे नहीं पता कि इस परिस्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है, लेकिन यह आपके और राजभवन के अफसरों की अज्ञानता और हठधर्मिता का नतीजा है। विधानसभा और विधानपरिषद के अध्यक्ष इस कार्यक्रम में शामिल हो सकें इसे सुनिश्चित करने के लिए माकूल व्यवस्था करना आपके अधिकारियों की जिम्मेदारी है। ये दोनों ही संवैधानिक पद हैं।’ विधानसभा अध्यक्ष ने राजभवन के अंदर और बाहर पार्क वाहनों के बारे में भी जानकारी मांगी है। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी. देवेगौड़ा की पत्नी चेन्नम्मा भी ट्रैफिक जाम में फंस गई थीं, जिसके बाद उन्हें पैदल ही राजभवन जाना पड़ा था।
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खींच-तान के बाद कैबिनेट का विस्तार: जनता दल (सेक्युलर) और कांग्रेस में खींचतान के बाद आखिरकार 6 जून को मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। कुमारस्वामी ने एक पखवाड़ा पहले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। राज्यपाल वजुभाई वाला ने 25 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी। विस्तार के साथ मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या 27 हो गई है। कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल में 14 मंत्री कांग्रेस, 9 मंत्री सहयोगी दल जेडीएस और एक-एक मंत्री बसपा और केपीजेपी के बनाए गए हैं। मंत्री पद की शपथ लेने वालों में पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस सुप्रीमो एचडी. देवेगौड़ा के बेटे एचडी रेवन्ना और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके. शिवकुमार भी शामिल हैं। जेडीएस के जीटी. देवेगौड़ा को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, जिन्होंने पूर्व सीएम सिद्धारमैया को मैसूर के चामुंडेश्वरी सीट पर हराया था। कैबिनेट में कांग्रेस की विधान पार्षद जयमाला एक मात्र महिला मंत्री हैं।