Kargil Vijay Diwas 2019: देश आज कारगिल विजय दिवस की 20वीं वर्षगांठ मना रहा है। साल 1999 में हुए भारत-पाक युद्ध में कई वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी। इनमें से ही एक जवान थे जम्मू कश्मीर राइफल्स रेजीमेंट के राइफलमैन सिपोय दीप चंद। हिमाचल प्रदेश के रहने वाले दीप चंद द्रास सेक्टर में मुश्कोह पहाड़ी पर कब्जा करने की कोशिश करने के दौरान शहीद हो गए थे। इंडियन एक्सप्रेस (The Indian Express) के मुताबिक शहीद दीप चंद की पत्नी कांता देवी के जेहन में आज भी वो दिन ताजा हो जाता है, जब उन्हें पता चला था कि उनके पति बॉर्डर पर देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। बता दें कि कांता देवी शादी के सिर्फ दो महीने ही अपने पति के साथ रह सकीं थी।
शहीद राइफलमैन सिपोय दीप चंद: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के बारोटी गांव में कारगिल वॉर में शहीद हुए दीपचंद का परिवार रहता था। 8 जुलाई 1999 को उनके पड़ोसी के पास फोन आया कि दीप चंद शहीद हो गए हैं। इसके बाद पड़ोसी द्वारा दीपचंद के घर में यह सूचना दिए जाने के लोगों के पैरों तले जमीन खिसक जाती है। तमाम रिश्तेदारों और स्थानीय लोगों का शहीद के घर आने का सिलसिला शुरू हो जाता है लेकिन इन सबके बीच दीपचंद की पत्नी कांता देवी इस बात से अनजान थी। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कांता ने बताया कि उस दिन करीब शाम 5 बजे परिवार के सभी लोग एक कमरे में जमा हुए, तब मुझे अहसास हुआ कि कुछ अनहोनी घटना हुई है। उन्होंने आगे बताया कि जब मैं बाहर निकलकर देखती हूं तो मैंने अपने पति का पार्थिव शरीर देखा। जिसके बाद मैं बदहवास हो गई। बता दें कि फरवरी 1999 में ही दीप चंद और कांता देवी की शादी हुई थी। उस दौरान वे सिर्फ 21 साल की थीं।
सिर्फ 2 महीने ही रही थी पति के साथ: कांता देवी कहती हैं कि मैं अपने पति के साथ महज 2 महीने ही रह सकी थी क्योंकि इसके बाद वह सीमा पर युद्ध लड़ने चले गए थे। उन्होंने कहा कि मैं इतना जानती हूं कि दीपचंद अपने देश से बहुत प्यार करते थे। बता दें कि कांता देवी ने बाद में एक बेटी को जन्म दिया जो अब 18 साल की हो चुकी है। बकौल कांता देवी अगर मेरी बेटी मुझसे सेना में जाने का कहती है तो मैं उसे कभी रोकूंगी नहीं, लेकिन मैं यह सोचकर भी डर जाती हूं।