मध्यप्रदेश के विश्व विख्यात कान्हा टाइगर रिजर्व में दो बाघों में हुई आपसी लड़ाई में 12 साल के एक बाघ की मौत हो गई है। कान्हा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति ने शुक्रवार (22 मार्च) को बताया कि मृत बाघ टी-36 के नाम से पहचाना जाता था। उन्होंने कहा कि इस बाघ की मौत बाघों की आपसी लड़ाई में हुई है। उन्होंने बताया कि बाघों में लड़ाई अक्सर अपने वन इलाके को लेकर होती हैं।

खा रहा था 8 साल का बाघः कृष्णमूर्ति ने बताया कि कान्हा टाइगर रिजर्व के किसली जोन के मगरनाला वन क्षेत्र में 21मार्च को इस बाघ का शव जब कान्हा पार्क के गश्ती दल ने देखा, उस वक्त टी 56 के नाम से जाना जाने वाला 8 साल का बाघ इसे मारकर खा रहा था।

पेंच में भी हुई थी घटनाः इससे थोड़े दिन पहले मध्य प्रदेश के ही पेंच टाइगर रिजर्व में खमारपानी बफर इलाके में बाघों की आपसी लड़ाई में एक बाघ की मौत का मामला सामने आया था। पेंच टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक विक्रम सिंह परिहार ने बताया कि वन विभाग के अमले को खमारपानी बफर क्षेत्र की डोंगरगांव बीट के पुलपुल डोह के जंगल में एक बाघ मृत अवस्था में मिला था।

 

जांच में जुटा वन विभागः जानकारी मिलने पर वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और पशु चिकित्सक मौके पर पहुंचे और प्राथमिक तौर पर शव परीक्षण में आपसी लड़ाई के कारण बाघ की मौत होने की बात सामने आई। उन्होंने बताया कि बाघ के शव को परीक्षण के लिए भेजा गया है ताकि उसकी मौत के कारण की पुष्टि हो सके।