शिवराज सरकार ने चुनाव से पहले संबल योजना के अंतर्गत 1.80 करोड़ मजदूरों के लिए स्मार्ट कार्ड छपवाए थे। जो करीब 68 दिन में ही बेकार हो गए हैं। दरअसल कमलनाथ सरकार ने इन कार्डों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। जिसके बाद अब नए कार्ड छापे जाएंगे। कमलनाथ सरकार द्वारा जो नए कार्ड बनाए जाएंगे उनमें कमलनाथ की फोटो नहीं होगी। आपको बता दें कि शिवराज सरकार ने जो कार्ड बनवाए थे उनकी लागत करीब 18 करोड़ थी।

18 करोड़ के कार्ड 68 दिन में बेकार: बता दें कि चुनाव से पहले जुलाई महीने में शिवराज सरकार ने संबल योजना के तहत 18 करोड़ के स्मार्ट कार्ड मजदूरों के लिए छपवाए थे। इन कार्ड में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की फोटो भी छपी थी। जैसे ही सरकार बदली वैसे ही कमलनाथ सरकार ने इन कार्डों को तत्तकाल प्रभाव से बंद कर दिया है। यानि 1.80 करोड़ मजदूरों के कार्ड करीब 68 दिन में ही बेकार हो गए हैं। ऐसे में कमलनाथ सरकार जो नए कार्ड बनवाएगी उनमें शिवराज की तरह कमलनाथ की फोटो नहीं होगी।

कांग्रेस ने बताया था चुनावी हथकंडा: बता दें कि जब शिवराज सरकार ने इन स्मार्ट कार्डों को छपवाया था तब कांग्रेस ने इसका जमकर विरोध किया था और इसे चुनावी हथकंडा बताया था। ऐसे में सत्ता में आते ही कमलनाथ सरकार ने इन कार्डों को बंद करवा दिया है। बता दें कि श्रम विभाग ने सभी कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को कार्ड वापस मंगाने के लिए पत्र लिखा है।

इसलिए बेकार हुए कार्ड: बता दें कि सरकार ने जून 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना की शुरुआत की थी। जिसमें श्रम विभाग ने सभी जिलों में कामकाजी और असंगठित मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया था। ये कार्ड मजदूरों को जनपद पंचायत के माध्यम से 20-30 जुलाई को बांटे गए थे। कार्ड की छपाई में 18 करोड़ का खर्चा आया था। चुनाव के ऐलान के बाद 6 अक्टूबर को आचार संहिता लग गई थी। जिसके चलते कार्ड बांटने पर भी रोक लगा दी गई थी। वैसे तो कार्ड की वैधता 5 साल है लेकिन शिवराज की फोटो के चलते कार्ड बेकार हो चुके हैं।

कैसा होगा नया कार्ड: जानकारी के मुताबिक नए कार्ड में कमलनाथ की फोटो नहीं होगी। स्मार्ट कार्ड का लोगो बदला जाएगा। साथ ही कार्ड में मजदूर की व्यक्तिगत जानकारी, नाम, पता, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर और कार्ड की वैधता लिखी होगी।