गुजरात के सूरत जिले में स्थित काकरापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र की 220 मेगावाट वाली दो इकाइयों में से एक को भारी जल के रिसाव के बाद शुक्रवार (11 मार्च) को बंद कर दिया गया और अस्थाई आपात स्थिति घोषित कर दी गई लेकिन किसी भी रेडियो सक्रिय पदार्थ की लीकेज नहीं हुई है और सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं। केएपीएस की वेबसाइट के अनुसार विद्युत केंद्र में दाबानुकूलित भारी जल रिएक्टरों (पीएचडब्ल्यूआर) की दो इकाइयां हैं जिन्हें 1990 के दशक की शुरुआत में शुरू किया गया था।
सूरत के जिलाधिकारी राजेंद्र कुमार ने कहा, ‘‘सुबह समस्या का पता लगा और इसे अब दूर कर दिया गया है। संयंत्र ने अस्थायी आपात स्थिति की भी घोषणा की थी जिसे कुछ समय बाद हटा लिया गया। फिलहाल, आपात स्थिति नहीं है और हालात नियंत्रण में है। हमसे कहा गया है कि यूनिट-1 के फिर से काम करने में कुछ वक्त लगेगा।’’
इस बीच, पड़ोसी तापी जिला प्रशासन भी हरकत में आया और रिसाव की जानकारी मिलने के बाद संयंत्र के अधिकारियों से ब्यौरा मांगा। तापी के जिलाधिकारी बी सी पटनी ने इस बात की भी पुष्टि की कि विकिरण के लीक होने की कोई खबर नहीं है। पटनी ने कहा, ‘‘संयंत्र की पहली इकाई में सुबह नौ बजे के करीब समस्या हुई। संयंत्र के निदेशक से मिली खबरों के अनुसार सभी कर्मचारी संयंत्र में काम कर रहे हैं और कोई भी भीतरी या बाहरी विकिरण लीक नहीं हुआ। द्रव्य के रिसाव की समस्या दूर कर दी गई है।’’