हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह का उप्र के लोकायुक्त के पद पर शपथ ग्रहण कार्यक्रम शनिवार को स्थगित कर दिया गया। उनकी नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। वहीं राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि इस मामले पर फैसला होने तक इसे स्थगित रखा जाएगा। न्यायालय लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर उत्तर प्रदेश के निवासी सच्चिदानंद गुप्ता की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह के नाम को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा आपत्ति व्यक्त करने का तथ्य छिपा कर ‘शीर्ष अदालत के साथ छल’ किया है।
शरद अवकाश के दौरान न्यायमूर्ति एके गोयल और न्यायमूर्ति उदय यू ललित के पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए जानना चाहा कि न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह का नाम शीर्ष अदालत की पीठ के समक्ष कैसे आया जबकि इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट रूप से कुछ आपत्तियां की थीं। पीठ ने जब यह कहा कि मुख्य न्यायाधीश द्वारा राज्यपाल को पत्र लिखने और इस बारे में मीडिया की खबरों से इनकार करते हुए राज्य सरकार ने कोई बयान नहीं दिया है तो उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता गौरव भाटिया ने सरकार की ओर से न्यायालय को आश्वासन दिया कि शपथ ग्रहण समारोह नहीं होगा।