Jammu and Kashmir Pulwama’s Awantipora Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायीन हमले में 40 जवान शहीद हो गए। जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने विस्फोटक से भरी गाड़ी को सीआरपएफ काफिले की एक बस से टकरा दिया था। इस दौरान इतना तेज विस्फोट हुआ कि आसपास के इलाकों में तक झटके महसूस किए गए। पूरे देश में इस घटना की निंदा की जा रही है। लोग शहीदों व उनके परिजनों के प्रति शोक व्यक्त कर रहे हैं। वहीं, दसूरी ओर राजस्थान के सिरोही के स्पेशल कोर्ट के जज राजेश नारायण शर्मा ने शहीदों को लेकर विवादित टिप्पणी की है। स्थानीय अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, घटना के बाद जिला अभिभाषण संघ की ओर से सिरोही के स्पेशल कोर्ट में आयोजित शोकसभा में बुलाए जाने पर उन्होंने कहा, “ऐसे कई मरते रहते हैं। किस-किस का शोक मनाऊं। मेरा कोई शोक नहीं है। मैं नहीं आऊंगा।”
जज की इस विवादित टिप्पणी पर जिला अभिभाषण संघ ने राज्य के मुख्य सचिव, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और निरीक्षण न्यायाधिपति को पत्र लिख राजेश नारायण के ट्रांसफर और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि इस पुलवामा आतंकी हमले में 40 जवानों की शहादत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। बिहार से लेकर पंजाब तक पूरे देश में शोक की लहर है। इस घटना में किसी के बुढ़ापे की लाठी टूट गई, तो किसी की मांग का सिंदूर मिट गया। किसी का पति तो किसी का पिता खो गया। आंखों में आंसू और दिल में दर्द लिए शहीदों के परिजनों को गर्व है कि उनका बेटा, पति, पिता ने इस देश के लिए अपनी कुर्बानी दी।
सवा सौ करोड़ देशवासियों के दिलों में शहीदों और उनके परिजनों के लिए सम्मान और प्यार है। वहीं, कुछ लोग विवादित टिप्पणियां कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एक छात्र ने भी विवादित टिप्पणी की, जिसे यूनिवर्सिटी से निलंबित कर दिया गया है। स्थानीय पुलिस शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच में जुट गई है। आरोपी छात्र की पहचान बसीम हिलाल के रूप में हुई है जिसके खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। हिलाल के ट्विटर अकाउंट पर पुलवामा हमले के बाद एक ट्वीट किया गया था जिसमें ‘हॉउज द जैश’ लिखा हुआ था।