Joshimath: उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath) में भूमि धंसाव के चलते जिन दो होटलों में दरारें आई हैं उनको तोड़ने का काम चल रहा है। इस बीच प्रभावित कस्बे की जेपी कॉलोनी की 15 इमारतों को भी तकनीकी सर्वेक्षण में असुरक्षित पाए जाने के बाद तोड़ा जा रहा है।
आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि जेपी कॉलोनी के भवनों को गिराने का काम शुरू हो गया है। ये इमारतें जोशीमठ के सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके मारवाड़ी में स्थित हैं। इसके साथ ही जोशीमठ में तोड़ी जा रही इमारतों की संख्या अब बढ़कर 17 हो गई है।
कॉलोनी को पहले ही करवा लिया गया था खाली
चमोली जिला प्रशासन ने जेपी कॉलोनी स्थित क्षतिग्रस्त भवनों का तकनीकी सर्वेक्षण करने के बाद उन भवनों की पहचान की है, जिन्हें तोड़ा जाना है। कॉलोनी में जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड (जेपीवीएल) विष्णुप्रयाग हाइड्रो-इलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट के कर्मचारी रहते हैं। प्रक्रिया के लिए कॉलोनी को पहले ही खाली करवा लिया गया था। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने तकनीकी संस्थानों को जोशीमठ में आपदा प्रभावित क्षेत्र की अध्ययन रिपोर्ट उपलब्ध कराने की समयसीमा भी जारी कर दी है।
एक्स्पर्ट्स को तीन हफ्तों में उपलब्ध करवानी होगी रिपोर्ट
सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) के 10 वैज्ञानिकों की टीम को यह रिपोर्ट तीन हफ्तों के भीतर उपलब्ध करवानी होगी। इसी तरह राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के वैज्ञानिकों की 10 सदस्यीय टीम और वाडिया संस्थान के वैज्ञानिकों की सात सदस्यीय टीम को प्रारंभिक रिपोर्ट के लिए दो सप्ताह एवं अंतिम रिपोर्ट के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया है।
परिवारों के विस्थापन के लिए राज्य सरकार ने दिए 3.10 करोड़ रुपये
केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) के चार वैज्ञानिकों की टीम को प्रारंभिक रिपोर्ट के लिए एक सप्ताह और अंतिम रिपोर्ट के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया है। सिन्हा ने पुनर्वास के लिए किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा 207 प्रभावित परिवारों को विस्थापन के लिए अग्रिम के रूप में 3.10 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है।