छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके दंतेवाड़ा में बीजेपी विधायक भीमा मंडावी के काफिले पर नक्सलियों ने हमला किया है। इस हमले में मंडावी की मौत हो गई जबकि छत्तीसगढ़ पुलिस के चार जवानों के शहीद होने की भी खबर है। लेकिन आपको बता दें कि इससे पहले भी राजनेताओं के काफिले पर नक्सलियों के हमले हो चुके हैं। 25 मई 2013 को नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व समेत 25 से ज्यादा कांग्रेसी नेताओं की हत्या कर दी थी। ये हमला तब हुआ था जब सभी नेता परिवर्तन यात्रा के तहत सड़क मार्ग से जा रहे थे। नक्सलियों ने पहले तो ब्लास्ट कर काफिले को रोक दिया और फिर अंधाधुंध फायरिंग कर दर्जनों लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।

कैसे हुआ था हमला: बता दें कि छत्तीसगढ़ में 2013 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने परिवर्तन यात्रा निकाली थी। लेकिन इस दौरान जैसे ही कांग्रेस नेताओं का काफिला दरभा(झीरम) घाटी पहुंचा, पहले से घात लगाए नक्सलियों ने एक भीषण ब्लास्ट कर दिया। बताया जाता है कि इस धमाके की वजह से सड़क पर करीब 10 फीट का गड्ढा हो गया था। ब्लास्ट के बाद कांग्रेसी नेता और काफिले में मौजूद लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले ही नक्सलियों ने उनपर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी। इस हमले में 25 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

पहली बार नेताओं पर सामूहिक रूप से हुआ था हमला: बता दें कि 25 मई 2013 को हुए क्रूर हमले ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को खत्म कर दिया था। ये पहला मौका था जब किसी राजनैतिक दल के नेताओं पर सामूहिक रूप से हमला किया गया था। इस हमले में कांग्रेस से पूर्व केन्द्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा, तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उदय मुदलियार समेत 30 से ज्यादा कांग्रेसियों की मौत हो गई थी।