झारखंड में सत्तारूढ़ भाजपा की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने 10 जून को रांची में बाइक रैली निकाली थी। इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की गई थी। इसके विरोध में डेली मार्केट में जमकर बवाल हुआ। आक्रोशित दुकानदारों ने भाजयुमो कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामले का पता चला। उपद्रवियों ने न केवल मारपीट की बल्कि वाहनों में तोड़फोड़ भी की। वायरल वीडियो में अराजक तत्व स्थानीय लोअर बाजार थाने के दारोगा अनिल कुमार गुप्ता की पिटाई करते दिख रहे हैं। उनकी बाइक को गिराकर लोग उन पर लाठी और डंडे बरसा रहे थे। उनकी वर्दी भी फाड़ डाली गई। उन्होंने किसी तरह वहां से भागकर अपनी जान बचाई। पुलिस सुरक्षा में निकाली गई बाइक रैली पर लोगों ने अचानक से हमला बोल दिया था। भाजयुमो कार्यकर्ताओं की लाठी-डंडों के अलावा लात-घूंसों से भी पिटाई की गई। रांची पुलिस वीडियो के माध्यम से हमलावरों की पहचान करने में जुटी है। दारोगा अनिल गुप्ता की शिकायत पर डेली मार्केट थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने चार नामजद आरोपियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की है। इनमें से एक व्यक्ति का नाम मोहम्मद रफीक बताया जा रहा है। पुलिस ने 1000 अज्ञात के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
BJYM bike rally clashes: Five injured as two groups clash in Ranchi https://t.co/5krGrYQbQJ
— Surbhi Sharma (@Surbhi_R_Sharma) June 11, 2018
दारोगा को बाइक से उतार कर चप्पलों से पीटा: वायरल वीडियो में दारोगा अनिल गुप्ता के साथ बर्बरता करने का दृश्य सामने आया है। इसमें एक व्यक्ति ने उन्हें बाइक से खींच कर नीचे उतारा और फिर चप्पल खोल कर उनकी पिटाई शुरू कर दी। इस बीच, एक दूसरा व्यक्ति आता है और उनकी बाइक का चाबी खींच ली और बाइक लेकर जाने लगा था। उपद्रवियों से बाइक किसी तरह वापस ली गई। आक्रोशित लोगों से खुद को बचाने के लिए भाजयुमो कार्यकर्ताओं को भी भागकर अपनी जान बचानी पड़ी थी। सिटी एसपी अमन कुमार ने बताया कि नामजद आरोपियों की पहचान करने के लिए छापेमारी की जा रही है। अज्ञात उपद्रवियों की पहचान भी सुनिश्चित की जा रही है। वहीं, दारोगा अनिल ने बताया कि उनके पास पिस्टल नहीं थी। ऐसे में उन्हें निहत्था देखकर हमला कर दिया गया और वह किसी तरह जान बचाने में सफल रहे। अनिल के मुताबिक, उन्होंने तत्काल इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी। अतिरिक्त पुलिस बल के मौके पर पहुंचने से पहले ही उपद्रवी भाग चुके थे।