अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) कर्मी के घर में छह दिन से बंद नाबालिग लड़की को शुक्रवार को किसी तरह छुड़ाया गया। घरेलू सहायिका के तौर पर रखी इस बच्ची को घर के अंदर ताले में बंद कर कर्मी परिवार सहित रांची चले गए हैं। बच्ची ने पड़ोसियों से कई बार मिन्नतें की पर किसी ने मदद नहीं की तब जाकर उसने बच्चों की हेल्पलाइन पर फोन करके मदद मांगी। जिस पर स्वयंसेवी संस्थान की पहल पर दिल्ली पुलिस ने दरवाजा तोड़ कर बच्ची को छुड़ाया और डाक्टरी परीक्षण के बाद उसे वन स्टाप सेंटर भेज दिया। बच्ची काफी डरी व सहमी हुई है।
घटनाक्रम के मुताबिक, एम्स आवासीय परिसर आयुर्विज्ञान नगर स्थित मकान नंबर बी 76 के निवासी जेई (इलेक्ट्रिकल ) कुमार सौरभ के घर में बंद करीब 15 साल की बच्ची ने बताया कि उसे पिछले छह दिन से घर में ताले में बंद करके सौरभ परिवार सहित रांची चले गए हैं। घर में अकेले बंद बच्ची का डर के मारे बुरा हाल था।
बच्ची एक दो दिन तक धैर्य रखे रही लेकिन जब वे नहीं लौटे तो बच्ची ने दरवाजा पीट पीट कर पड़ोसियों से मदद मांगी। लेकिन उस मकान के पास के मकानों के लोग भी मदद के लिए आगे नहीं आए। एक एक दिन कर छह दिन बीत गए। तब बच्ची का धैर्य जवाब दे गया। उसने फोन करके हेल्पलाइन 1098 पर मदद की गुहार लगाई। उस नंबर पर उसकी बात स्वयंसेवी संस्था बटरफ्लाई के प्रतिनिधियों से हुई। उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी और पुलिस चौकी आयुर्विज्ञान नगर ने मौके पर पहुंच कर घर का दरवाजा तोड़ कर बच्ची को बाहर निकाला।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बच्ची काफी डरी हुई थी और जोर-जोर से रो रही थी। वह एक ही रट लगाए जा रही थी कि उसे अपने घर झारखंड जाना है। जानकारी के मुताबिक बच्ची के घरवालों का पता लगा कर उनको सूचित किया जाएगा। कुमार परिवार अभी भी रांची में है। वे जब आएगा तब आगे की कार्रवाई के बावत कदम उठाए जाएंगे।