झारखंड से बड़ी खबर सामने आई है। झारखंड शराब घोटाले मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आईएएस अधिकारी विनय चौबे को गिरफ्तार किया है। इससे पहले IAS विनय चौबे से एसीबी की टीम ने पूछताछ की थी। झारखंड एसीबी इस पूरे मामले की जांच कर रही है। विनय चौबे झारखंड आबकारी विभाग के तत्कालीन सचिव थे, जब ये मामला सामने आया।
छत्तीसगढ़ एसीबी ने विनय चौबे को बनाया था आरोपी
सितंबर 2024 में छत्तीसगढ़ एसीबी ने विनय चौबे को इस मामले में आरोपी बनाया था। छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर झारखंड एसीबी ने मामले की जांच के लिए PE दर्ज की थी।
ED ने भी की थी पूछताछ
जब मामले की शुरुआती जांच हुई, तब ACB ने केवल एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद एसीबी की टीम ने IAS विनय चौबे से पूछताछ की। जब यह मामला दर्ज हुआ था उसके बाद ईडी ने भी विनय चौबे को समन जारी किया था और पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ के दौरान विनय चौबे ने खुद को निर्दोष बताया था। उन्होंने कहा था कि सरकार की सहमति के बाद ही नई उत्पाद नीति लागू की गई थी और उसमें उनका कोई दोष नहीं है। बता दें कि ईडी ने अक्टूबर 2024 में विनय चौबे, जॉइंट सेक्रेटरी गजेंद्र सिंह के ठिकानों पर रेड भी की थी।
एसीबी ने विनय चौबे पर छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट के साथ मिलकर झारखंड में नई शराब नीति बनाने और राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाया है। बता दें कि आबकारी विभाग के सचिव के रूप में विनय चौबे के कार्यकाल के दौरान आबकारी नीति में हुई। इससे पहले राज्य सरकार ने आईएएस अधिकारी विनय चौबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दी थी। पढ़ें ED भी कर चुका है छापेमारी