Jharkhand Congress MLA Suspended: शनिवार (30 जुलाई) की रात बंगाल पुलिस नेझारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों को भारी मात्रा में कैश ले जाते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। जिसके बाद अगले ही दिन रविवार (31 जुलाई) को कांग्रेस ने कार्यवाही करते हुए तीनों ही विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। वहीं इसके बाद मामले पर कांग्रेस के कुमार जयमंगल सिंह का एक पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कथित तौर पर नई सरकार में प्रति विधायक 10 करोड़ रुपये के अलावा एक निश्चित मंत्री पद देने का आश्वासन दिया था। ये काम मौजूदा झारखंड की सरकार गिराने के बाद बन सकता है, जो झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के गठबंधन से बनी है।

वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल सिंह के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस के बड़े से बड़े नेता मेरे संपर्क में हैं। इसमें कोई राजनीति की बात नहीं है। जब कोई व्यक्ति 22 सालों तक एक ही पार्टी में रहता है तो संपर्क बनेंगे ही इसके लिए एफआईआर दर्ज करने की क्या बात है?

कुमार जयमंगल ने कांग्रेस MLAs के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई

कांग्रेस के बेरमो विधासभा के विधायक कुमार जयमंगल सिंह उर्फ अनूप कुमार ने रविवार (31 जुलाई) को प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के साथ अरगोड़ा थाने में तीनों कांग्रेस विधायकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। जयमंगल का आरोप था कि ये तीनों कांग्रेस विधायक कोलकाता के रास्ते गुवाहाटी जाने वाले थे। जहां उन्हें असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा से मुलाकात करनी थी। इसके पहले इन्हें झारखंड की सरकार गिराने के बाद 10 करोड़ रुपया और मंत्री पद का ऑफर मिला था।

Operation Lotus हुआ बेनकाब

इसके पहले कांग्रेस ने बयान दिया था कि बीजेपी का ऑपरेशन लोटस बेनकाब हो गया। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा सबसे बड़ी पार्टी है और कांग्रेस के समर्थन से उसने सरकार बना रखी है वहीं बीजेपी वहां विपक्ष में है। उधर, इन विधायकों में से एक के करीबी ने कहा है कि 40-50 लाख रुपए में सरकार नहीं गिराई जा सकती है।

MLAs के Suspension पर बोले झारखंड कांग्रेस प्रभारी

वहीं घटना पर कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा, “विधायकों को पैसे कहां से आएं हैं, इसकी पूरी जानकारी हम लोगों को थी और उसके बाद ही पार्टी ने उनके खिलाफ कार्यवाही की है और उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्वयं विधायकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।”