बिहार में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के बीच चल रही गुटबाजी को लेकर अब पार्टी ने एक बड़ा फैसला लिया है। पार्टी के बैनर, पोस्टर में लगने वाली तस्वीरों को लेकर दोनों गुटों में मचे बवाल को खत्म करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने निर्देश दिया है कि पार्टी के किसी भी पोस्टर और बैनर पर अब केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ही फोटो लगेगी।
पिछले कुछ दिनों से जेडीयू में ललन सिंह और आरसीपी सिंह गुट के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। पार्टी के बैनर और पोस्टर से अपने नेता की तस्वीरें गायब देखकर दोनों के समर्थक कई बार भिड़ चुके हैं। जिसे देखते हुए पार्टी ने आदेश जारी कर साफ कर दिया है कि पार्टी के प्रचार और प्रसार के लिए जो भी बैनर, पोस्टर, पंपलेट और होर्डिंग छपवाया जाएगा, उसमें सिर्फ सीएम नीतीश की ही तस्वीर होगी। इस आदेश की अनदेखी करने वालों पर पार्टी विरोधी गतिविधि और अनुशासनहीनता के आरोप में कार्रवाई की जाएगी।
पार्टी के सबसे बड़े नेता सिर्फ नीतीश कुमार: उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि पार्टी के सबसे बड़े और सर्वमान्य नेता सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। पार्टी अध्यक्ष ने गुटबाजी को स्वीकार करते हुए कहा कि पोस्टरों पर किस नेता की तस्वीर को जगह मिली और किसे नहीं, यह मुद्दा पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन रहा है।
कैसे शुरू हुआ था ये विवाद? उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन करने की जिम्मेदारी आरसीपी सिंह पर सौंपी थी, मगर इसमें असफल होने पर ललन सिंह ने उनकी खूब फजीहत की थी। जब नीतीश कुमार के जन्मदिन के मौके पर आरसीपी सिंह पार्टी की सदस्यता अभियान की शुरुआत करने वाले थे, तो उस पर भी ललन सिंह ने सवाल खड़े करते हुए कहा था कि सदस्यता अभियान 2019 में शुरू हुआ था और इस साल अक्टूबर में खत्म होगा।
साथ ही ललन सिंह ने कहा था कि नया सदस्यता अभियान कब चलाया जाएगा, इस पर बाद में फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि यह जब भी होगा उनके निर्देश और हस्ताक्षर से ही शुरू होगा। ललन सिंह के इस बयान के बाद ही उनके और आरसीपी सिंह के बीच कोल्ड वॉर और बढ़ गया था।