राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के महासचिव जयंत चौधरी ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपनी समाजवादी पार्टी (सपा) के भविष्य को लेकर चिंता की वजह से उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन को गैरजरूरी बता रहे हैं। चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर बड़े दिल के साथ सोचना चाहिए।

रालोद राज्य मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इनकार के सवाल पर जयंत ने कहा, ‘मुख्यमंत्री जी को बड़ा दिल और बड़ी सोच रखनी चाहिए। वे सिर्फ अपनी पार्टी के राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं और इसलिए प्रदेश के पुनर्गठन से इनकार कर रहे हैं। वरना तर्क तो यह है कि आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से और देश की अखंडता के लिए राज्य पुनर्गठन अनिवार्य है’। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश का विभाजन होने से देश कमजोर होगा। लेकिन आजादी के बाद से तेलंगाना, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, झारखंड और न जाने कितने राज्य बन गए, लेकिन क्या इससे देश कमजोर हुआ। बल्कि, इससे तो इन राज्यों में प्रगति ही हुई। देश का कानून और संविधान तो इन राज्यों पर बराबर लागू हुआ है।

जयंत ने कहा कि अखिलेश एक तरफ से सत्ता का विकेंद्रीकरण करते हुए पंचायतीराज को मजबूत कर रहे हैं, नई तहसीलें बनवा रहे हैं। राज्य पुनर्गठन के मामले में भी तो यही बात लागू होती है। राष्ट्रीय लोकदल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों को एक साथ जोड़कर अलग ‘हरित प्रदेश’ बनाने की मांग अर्से से करता आया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट के अलग पीठ के गठन की मांग मुख्यमंत्री के ठुकराए जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर जयंत ने कहा कि वकीलों को अब अलग पीठ के बजाए अलग-अलग न्यायालय गठित करने की मांग करनी चाहिए। नये न्यायालय तभी गठित होंगे, जब प्रदेश को पुनर्गठित कर नए राज्य बनेंगे।

सुप्रीम कोर्ट के पहली बार उत्तर प्रदेश में लोकायुक्त नियुक्त किए जाने पर जयंत ने कहा कि यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि इस मामले में सर्वोच्च अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ा। इस मामले में राज्य सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर उसने जो टिप्पणियां की हैं, वे सरकार के लिए बेहद शर्मनाक हैं। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर सरकार की मंशा ठीक नहीं थी। वह अपनी पसंद का लोकायुक्त बनाना चाहती थी जो उसके इशारों पर काम करे।

उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में किसी दल से गठबंधन के सवाल पर जयंत ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अजित सिंह पहले ही कह चुके हैं कि रालोद अपने मुद्दों पर अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि रालोद कार्यकर्ता आगामी 23 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन पर पूरे प्रदेश के विभिन्न गांवों में जाकर किसानों के हित के प्रति सिंह के योगदान की याद दिलाएंगे। साथ ही उन्हें किसानों की समस्याएं हल करने में प्रदेश और केंद्र सरकार की नाकामी के बारे में भी बताएंगे।

रालोद महासचिव ने कहा कि राज्य सरकार ने 50 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया है लेकिन अब भी कई ऐसे जिले छूट गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तो इतने ‘टेक सेवी’ हैं। इसके बावजूद सूखे और ओलावृष्टि से किसानों को हुए फसल के नुकसान के मुआवजे के लिए पटवारी की रिपोर्ट का इंतजार किया जाता है। सरकार को नुकसान के आकलन के लिए उन्नत तकनीक अपनानी चाहिए।