सांड़ों पर काबू पाने के खतरनाक प्रतिबंधित खेल ‘जल्लीकट्टू’ को जनवरी में आयोजित करने की मांग के बीच, तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार से इसके आयोजन के लिए कानून में संशोधन करने के मकसद से एक विधेयक पेश करने का आग्रह किया है। राज्य सरकार ने इस मामले की तात्कालिता को देखते हुए इसके लिए संसद का एक विशेष सत्र बुलाने या एक अध्यादेश लाने का सुझाव भी दिया है। मुख्यमंत्री जे जयललिता ने 22 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में कहा कि पोंगल का त्योहार (अगले महीने) आने को है और ‘यह बहुत जरूरी है कि जल्लीकट्टू के पारंपरिक आयोजन से गहरा लगाव रखने वाले तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं का ख्याल रखा जाए’।

पत्र में उन्होंने कहा कि मीडिया की खबरों से संकेत मिला था कि पर्यावरण व वन राज्य मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि इसके आयोजन को संभव बनाने के लिए केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश करेगी। उन्होंने कहा, ‘हम विधेयक के पेश होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे’। लेकिन केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन को मीडिया में यह कहते हुए उद्धृत किया गया कि राज्यसभा में गतिरोध के कारण इस आशय का विधेयक पेश नहीं किया जा सका।

पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम 1960 के प्रासंगिक प्रावधानों में व्यापक और उपयुक्त रूप से संशोधन करने के लिए पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को शीघ्र निर्देश देने का प्रधानमंत्री से जोरदार तरीके से आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि जल्लीकट्टू के आयोजन को संभव बनाने के लिए जल्द विधेयक पेश किया जाना चाहिए।

बुधवार को जारी हुए पत्र में उन्होंने कहा, ‘मैं इस उद्देश्य के लिए संसद का सत्र बढ़ाने या एक विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध करती हूं। इसके अलावा मामले की तात्कालिता पर विचार करते हुए, भारत सरकार पोंगल 2016 के दौरान जल्लीकट्टू के आयोजन को संभव बनाने के लिए एक अध्यादेश लाने पर विचार कर सकती है। तमिलनाडु के लोगों की ओर से मैं आपसे अध्यादेश शीघ्र लाने का आग्रह करती हूं’।