उरी हमले के बाद 17 शहीद जवानों के नामों के बारे में सरकार और सेना की ओर से रविवार (18 सितंबर) को देर शाम तक कोई जानकारी नहीं दी गई। लेकिन जम्मू का एक परिवार आधिकारिक जानकारी सामने आने से पहले ही दुख में डूब गया था। 10 डोगरा रेजीमेंट के हवलदार रवि पाल के परिवार को उसके चचेरे भाई जोगिंदर पाल ने बताया कि उसे कॉल आया है जिसमें बताया गया कि रवि अब नहीं रहे। परिवार ने बताया कि इसके बाद रवि के दो साथियों को उनकी पत्नी गीता को लाने के लिए पठानकोट भेजा गया। वे दोनों गीता और उनके दो बच्चों को रवि के पैतृक घर सारबा ले आए।
रवि 10 डोगरा रेजीमेंट के सदस्य थे। वे उन चुनिंदा जवानों में शामिल थे जो वहां तैनाती पर आ रही 6 बिहार रेजीमेंट को हैंड ओवर करने के लिए रूके हुए थे। उनके कई साथी पहले ही पठानकोट शिफ्ट हो चुके थे। परिवारवालों का कहना है कि रवि सोमवार या मंगलवार को उरी से जाने वाले थे। रवि की नई तैनाती पठानकोट में थी। यह शायद उनकी अंतिम पोस्टिंग थी क्योंकि सालभर बाद उनकी रिटायरमेंट थी। इसी के चलते उनकी पत्नी गीता 20 दिन पहले ही दोनों बच्चों के साथ पठानकोट शिफ्ट हो गई थी। यहां पर उन्होंने बच्चों का स्कूल में दाखिला भी करा दिया था।
[jwplayer dX6GMnzQ]
रवि के परिवार में पत्नी व बच्चों के साथ ही 82 साल की मां मुलावी देवी भी हैं। रवि के पिता बाबूराम का कई साल पहले निधन हो गया था। रवि पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उनके दो भाई भी सेना में हैं। मुलावी देवी ने बताया कि रवि तीन महीने पहले बड़े भाई बुचन लाल के अंतिम संस्कार के लिए घर आया था। इस दौरान वह 15 दिन घर पर रहे थे। चचेरे भाई जोगिंदर ने बताया कि उन्हें रवि पर गर्व है। उन्होंने कहा, ”हम सभी भाई देश के लिए अपनी जान दे सकते हैं।” उरी में आर्मी बेस पर हमले में सेना के 17 जवान शहीद हुए। इस हमले में 19 जवान घायल भी हुए हैं। सेना ने शहीद जवानों के नाम जारी कर दिए हैं। इनमें से चार उत्तर प्रदेश, तीन-तीन बिहार व महाराष्ट्र, दो-दो झारखंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और एक राजस्थान से हैं।