कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के कैंप पर आतंकी हमले में 17 जवान शहीद हो गए जबकि 19 अन्य घायल हो गए। यह आतंकी हमला 12वीं ब्रिगेड के हैडक्वार्टर पर हुआ। खबरों के अनुसार कश्मीर में 26 सालों में सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर यह सबसे बड़ा हमला है। सेना की जवाबी कार्रवाई में 4 आतंकी मार गिराए गए। बताया जा रहा है कि हमला चेंज ऑफ कमांड यानि एक यूनिट के दूसरी यूनिट की जगह लेने के दौरान हुआ। शहीद होने वाले जवाब 11 डोगरा और 6 बिहार रेजीमेंट के हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सुबह करीब चार बजे हुए आतंकी हमले के साथ ही विस्फोटों की आवाज सुनाई दी और मुठभेड़ शुरू हो गई।
हमले की चपेट में आया स्थल यहां से 102 किलोमीटर और सेना के ब्रिगेड मुख्यालय से कुछ ही मीटर की दूरी पर स्थित है। सूत्रों ने बताया कि हमले के समय डोगरा रेजीमेंट के जवान एक तंबू में सोए हुए थे जिसमें विस्फोट के चलते आग लग गई। आग पास स्थित बैरकों तक भी फैल गई। खबरों के अनुसार हमलावर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से सलामाबाद नल्ला से उरी में घुसे थे। दो साल पहले इसी तरह का हमला मोहरा में हुआ था। यह हमला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कश्मीर दौरे से 4 दिन पहले किया गया था। इसमें आर्मी के 8 और पुलिस के 3 जवान शहीद हुए थे। इसी साल जनवरी में पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में सात जवान शहीद हुए थे। यहां पर छह आतंकी एयरबेस में घुस गए थे। बाद में सभी आतंकियों को मार गिराया गया था।
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हाल के सालों में आतंकियों के आर्मी बेस पर हमला करने की घटनाओं में तेजी देखने को मिल रही। कई मौकों पर सेना ने इस तरह के हमलों को नाकाम भी किया है। कहा जा रहा है कि उरी में हमले के जरिए पाकिस्तान कश्मीर में व्यापक स्तर पर हिंसा फैलाना चाहता है। बता दें कि कश्मीर में डेढ़ महीने से ज्यादा समय से तनाव है। यहां पर 86 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों घायल है। जानकारों का कहना है कि उरी का हमला भारत के बलूचिस्तान पर लिए गए स्टैंड पर पाकिस्तान की बौखलाहट दिखाता है।
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