सुप्रीम कोर्ट ने जबरन विवाह के एक मामले में दखल देते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस चीफ को निर्देश दिए हैं कि वो उस महिला को सुरक्षा मुहैया कराए जिसका आरोप है कि उसकी शादी जबरन चालीस वर्षीय मामा से कराई जा रही है। 26 वर्षीय मुस्लिम महिला का यह भी कहना है कि मामा लंबे समय से उसका उत्पीड़न कर रहा है। पीड़िता ने कहा कि परिवार के सदस्य भी उसे मामा से शादी करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। ऐसा तब है जब मामा पहले से ही शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं। पीड़िता की शिकायत पर चीफ जस्टिफ ऑफ इंडिया रंजन गोगोई के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर पुलिस और परिजनों को नोटिस भेजा गया है। मामलों में दोनों से दो सप्ताह के भीतर जवाब भी मांगा गया है। इसके अलावा कोर्ट ने आदेश दिया है कि याचिका के आधार पर जम्मू-कश्मीर के डीजीपी महिला की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

दरअसल बायो टेक्नोलॉजी में मास्टर्स करने वाली सीमा भोरिया ने अपनी दोस्त के जरिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। यह याचिका एडवोकेट सत्य मित्रा के जरिए दाखिल की गई। याचिका में श्रीनगर स्थित शेल्टर होम से महिला को मुक्त कराने की अपील की गई। इससे पहले मामले में पुलिस शिकायत भी दर्ज कराई जा चुकी है। दाखिल याचिका के मुताबिक, पीड़िता के परिवार और मामा के पुलिस और स्थानीय प्रशासन में काफी करीबी संबंध हैं। इससे वह अपनी जिंदगी को लेकर डरी हुई है। हालांकि शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट की राय थी कि भोरिया को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के समक्ष जाना चाहिए। मगर बाद में अनदेखे तथ्यों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की बेंच उसकी सुरक्षा से जुड़े आदेश देने के लिए राजी हुआ।