कश्मीर घाटी में दूसरी बार एक राजनेता की उग्रवादियों ने गोली मार कर हत्या कर दी। जम्मू-कश्मीर के मंत्री सज्जाद लोन की पार्टी पीपल्स कॉन्फ्रेंस के नेता गुलाम नबी खोजा को उग्रवादियों ने बुधवार (12 अक्टूबर) शाम को उनके कुपवाड़ा जिले के करालगंड स्थित घर के बाहर गोली मार दी। शाम के करीब 8.30 बजे दो उग्रवादी 50 वर्षीय खोजा के घर पर पहुंचे और उन्हें बाहर आने के लिए कहा। स्थानीय निवासियों के अनुसार उग्रवादियों ने खोजा पर कई गोलियां चलाईं और अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए। घायल खोजा को उनके परिवार वाले बारामूला स्थित अस्पताल लेकर गए लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉक्टर मसूद ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “उन्हें कई गोलियां लगी थीं। अस्पताल लाने के चंद मिनटों के अंदर ही उनकी मौत हो गई थी।” खोजा सज्जाल लोन के करीबी माने जाते थे। वो राज्य के शिक्षा विभाग में नौकरी करते थे। खोजा पीपल्स कॉन्फ्रेंस से वो सज्जाद लोन के पिता अब्दुल गनी लोन के समय से ही जुड़े थे। अब्दुल गनी लोन की उग्रवादियों ने 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस ीमहीने की 2 अक्टूबर को पंपोर में कंदीज़ाल में उग्रवादियों ने पूर्व सरपंच फयाज अहमद की गोली मार कर हत्या कर दी थी।
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जम्मू-कश्मीर में पिछले कई महीनों से स्थिति तनावपूर्ण है। जुलाई में हिज्बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी की मुठभेड़ के बाद से ही घाटी में उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों में अब तक 70 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं। घाटी में जारी तनाव के बीच ही 18 सितंबर को उरी स्थित सेना कैंप पर आतंकी हमले में 19 भारतीय जवान शहीद हो गए। उरी हमले के जवाब में भारत ने 29 सितंबर को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नियंत्रण रेखा पार कर के सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए कई आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और कई आतंकी मार गिराए। भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही कश्मीर में कई बार आतंकी हमले हो चुके हैं। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद करीब आधा दर्जन से ज्यादा बार पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन कर चुका है।