जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद कहा कि खून खराब रूकना चाहिए। पाकिस्तान ने माहौल खराब किया। महबूबा और पीएम मोदी की सुबह 11 बजे के करीब मुलाकात हुई। इसके बाद उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने के लिए नरेंद्र मोदी ने नवाज शरीफ को बुलाया। इसके बाद वे लाहौर चले गए। इसके बाद पठानकोट हुआ। बावजूद इसके गृह मंत्री राजनाथ सिंह सार्क सम्मेलन में गए। जबकि पाकिस्तान हालात ठीक करने के बजाय भड़काने में लगा रहा। भाजपा और पीडीपी के बीच इसी बात पर गठबंधन हुआ था कि वाजपेयी जी के बात पर आगे बढ़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि सभी लोग चाहते हैं कि कश्मीर में खून खराबा बंद हो जाए। पाकिस्तान अगर चाहता है कि कश्मीर के युवा शांति से रहे हैं तो वह भड़काने का काम ना करें। युवाओं को उकसाना बंद होनी चाहिए। महबूबा ने सभी से अपील करते हुए कहा कि कश्मीर में हालात सामान्य करने के लिए उन्हें सबकी मदद चाहिए। वे चाहती हैं कि कश्मीर के युवा पत्थर ना फेंके। गौरतलब है कि हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहानी वानी के मारे माने के बाद 50 दिनों से कश्मीर अशांति है। इसके चलते वहां पर कर्फ्यू लगा हुआ है। महबूबा के दिल्ली आने से दो दिन पहले ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह कश्मीर गए थे।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार हिंसा के दौर पर विराम लगाने के लिए महबूबा को कुछ चीजों के बारे में स्पष्ट तौर पर बता दिया गया है। राज्य में हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है। इस सप्ताह की शुरुआत में मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले राज्य के विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की थी। इस बैठक के बाद मोदी ने कश्मीर की स्थिति को लेकर ‘गहरी चिंता और दुख व्यक्त’ किया था और जम्मू कश्मीर की समस्या का एक ‘स्थायी और दीर्घकालिक’ समाधान तलाशने के लिए सभी राजनीतिक दलों से एक साथ मिल कर काम करने का आह्वान किया था। बीते आठ जुलाई को बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में हिंसक प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया था। महबूबा ने सुरक्षा बलों की कार्रवाई का गुरुवार (25 जुलाई) को बचाव किया था।
महबूबा मुफ्ती के बयान की प्रमुख बातें:
जम्मू कश्मीर के हालात को लेकर पीएम मोदी हम सबकी तरह ही बहुत चिंतित हैं।
पाकिस्तान खुलेआम कश्मीर में उकसा रहा है और आग में घी डालने का काम कर रहा है।
मुझे खुशी है कि मोदी जी ने ना सिर्फ पहले अपनी ऑथ सेरेमनी में नवाज शरीफ साहब को बुलाया बल्कि खुद लाहौर चले गए।
जैसे मुफ्ती साहब कहा करते थे कि मोदीजी के पास दो तिहाई बहुमत है और यदि अभी स्थिति नहीं सुधर सकती तो कभी नहीं सुधरेगी।
पाकिस्तान ने बातचीत और मुद्दों को सुलझाने के अवसरों को बर्बाद किया।
मीडिया से कहा, मेरी मदद कीजिए।
मोदी जी ने शुरुआत कर दी, हमारे गृहमंत्री ने शुरुआत कर दी है, वे पाकिस्तान गए लेकिन पाकिस्तान को प्रयास करना है
जितनी हमें तकलीफ है, उतनी उन्हें भी तकलीफ है।
एक मां के रूप में यह बात परेशान करती है कि लोग बच्चों को थानों पर पत्थर फेंकने को कहते हैं।
हिंसा करवाने वालों से बातचीत नहीं होगी, हिंसा करने वाले सोचे बातचीत कैसे होगी।
अलगाववादी लोगों के बच्चे यहां नहीं रहते, वे दूसरे बच्चों को ढाल बनाते हैं।
अलगाववादियों को आगे आकर बच्चों की जान बचाने के लिए मदद करनी चाहिए।