शहर के मध्य में रैली निकालने के अलगाववादियों के आह्वान को देखते हुए कश्मीर में रविवार (14 अगस्त) को कई अन्य जगहों पर कर्फ्यू लगा दिया गया। शेष घाटी में लोगों की आवाजाही पर रोक यथावत है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया ‘पूरे श्रीनगर जिले और अनंतनाग शहर में कर्फ्यू है लेकिन लाल चौक में रैली निकालने के कुछ तत्वों के आह्वान के बाद ऐहतियाती तौर पर अन्य जगहों पर भी कर्फ्यू लगा दिया गया है।’उन्होंने कहा कि घाटी के गंदेरबल शहर, अवन्तीपोरा, त्राल, पम्पोर, बारामुला शहर, सोपोर शहर, बांदीपोरा शहर, कलूसा, पपचान तथा अजार इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

अधिकारी ने बताया ‘कल (शनिवार, 13 अगस्त) के गुटीय संघर्षों के बाद बडगाम जिले में बीरवाह के वारगाम इलाके में भी कर्फ्यू लगा दिया गया है।’ उन्होंने बताया कि कर्फ्यू के बावजूद अलगाववादी तत्वों ने कश्मीर के कई इलाकों में पड़ोसी देश का स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए पाकिस्तानी ध्वज फहराए। सुरक्षा बलों का ध्यान इस ओर जैसे ही आया वैसे ही इन ध्वजों को उतार दिया गया। प्रशासन ने शनिवार (13 अगस्त) को घाटी में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं निलंबित कर दी थीं। यह कवायद सोमवार (15 अगस्त) को स्वतंत्रता दिवस आयोजनों से पहले के सुरक्षा अभ्यास का हिस्सा थी।

अधिकारी ने बताया कि ब्रॉडबैंड सेवाएं शनिवार (13 अगस्त) शाम को और मोबाइल टेलीफोन सेवाएं शनिवार देर रात को निलंबित की गईं। अधिकारी के अनुसार, ‘केवल बीएसएनएल के पोस्टपेड मोबाइल ही काम कर रहे हैं जबकि ब्रॉडबैंड सेवाएं केवल लाल चौक, सोनावार एवं बेमिना टेलीफोन एक्सचेंज पर ही उपलब्ध हैं।’ जम्मू कश्मीर में आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद, 37 दिन से जारी कर्फ्यू, निषेधाज्ञा एवं अलगाववाादियों द्वारा प्रायोजित हड़ताल के चलते राज्य में आम जनजीवन बाधित है।

सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक की अगुवाई वाले अलगाववादी खेमे ने लोगों से कल (13 अगस्त) और आज (14 अगस्त) लाल चौक तक एक ‘जनमत संग्रह’ रैली निकालने का आह्वान किया था। राज्य में नौ जुलाई से जारी अशांति और झड़पों में दो पुलिसकर्मियों सहित 56 लोग मारे गए और हजारों घायल हुए हैं।