कश्मीर के पुलवामा जिले में सोमवार (19 सितंबर) को कर्फ्यू लगा दिया गया, जबकि अलगाववादियों की तीन जिलों की ओर विरोध मार्च निकालने की अपील को देखते हुए श्रीनगर के कई इलाकों सहित घाटी के अन्य कुछ हिस्सों में लागू कर्फ्यू जारी है। घाटी में लगातार 73वें दिन जन जीवन प्रभावित है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुलवामा जिले में कर्फ्यू लगाया गया है, जबकि बारामूला जिले के कुछ हिस्सों में आज (सोमवार, 19 सितंबर) लोगों की आवाजाही पर कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लागू की गई हैं। वहीं शोपियां और श्रीनगर के आतंरिक क्षेत्र के पांच थाना क्षेत्रों के साथ ही बाहरी इलाके बटमालू में पाबंदियां जारी हैं।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने पहले कहा था कि बारामूला में कर्फ्यू लागू किया गया है। बहरहाल, बारामूला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इम्तियाज हुसैन ने कहा कि जिले में कर्फ्यू लागू नहीं किया गया है। पुलिस के अधिकारी ने बताया कि अलगाववादियों के बारामूला, पुलवामा और श्रीनगर के तीन जिलों की ओर मार्च निकालने के आह्वान को देखते हुए कानून एवं व्यवस्था कायम रखने के लिए प्रतिबंध लागू किए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि घाटी के अन्य इलाकों में लोगों के एकत्रित होने पर लगी रोक जारी है।
अलगाववादियों ने उत्तर कश्मीर के बांदिपुरा और कुपवाड़ा जिलों के लोगों से बारामूला की ओर, दक्षिण कश्मीर के शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग जिलों के लोगों से पुलवामा की ओर और मध्य कश्मीर के गंदरबल और बडगाम जिलों के लोगों से श्रीनगर की ओर मार्च करने की अपील की है। घाटी में जारी मौजूदा विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अलगाववादियों ने अपने विरोध अभियान को 22 सितंबर तक बढ़ा दिया है। दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान और पेट्रोल पंप बंद पड़े हैं, जबकि सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद है।
बहरहाल, सिविल लाइंस इलाके खासतौर पर शहर के मध्य स्थित लालचौक के आस-पास आज निजी गाड़ियों की आवाजाही में बढ़ोतरी हुई है। स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद पड़े हैं। घाटी में बीएसएनएल की पोस्टपेड कनेक्शन सेवा के अलावा अन्य मोबाइल फोन सुविधाएं और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद है। दक्षिण कश्मीर में आठ जुलाई को सुरक्षा बल के साथ हुई मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से शुरू हुई झड़पों में दो पुलिसकर्मियों समेत 81 लोगों की मौत हो चुकी है।