कश्मीर में हत्याओं को ‘गौरवान्वित’ करने वाले तत्वों और ‘कब्रों पर राजनीति करने वालों’ पर प्रहार करते हुए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार (23 जुलाई) को कहा कि वे पीड़ितों के परिजनों की तकलीफ के बारे में कभी नहीं सोचते। उन्होंने हिंसा खत्म करने में लोगों से सहयोग करने को कहा जिससे ‘राज्य में केवल विनाश आया है।’
महबूबा ने कुपवाड़ा में प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव सहयोग देने की पेशकश की। उन्होंने कहा, ‘मैं यह देखकर दुखी हूं कि ये सभी पीड़ित लोग समाज के सबसे गरीब तबके के हैं।’ उन्होंने कहा कि हिंसा से हमारे राज्य में केवल विनाश आया है और सैकड़ों अनाथ, वंचित और विधवाओं के रूप में त्रासदी छोड़ गया है। ये लोग किसी संस्थागत सहयोग के अभाव में दयनीय जीवन बिता रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जो लोग ‘इन हत्याओं का महिमा मंडन’ कर रहे हैं और गरीब युवकों की ‘कब्र पर राजनीति कर रहे हैं’ उन्होंने कभी भी पीड़ित परिवार की दशा पर गौर नहीं किया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में जब भी आर्थिक गतिविधियां जोर पकड़ने लगती हैं और पर्यटकों का आवागमन बढ़ जाता है तो निहित स्वार्थ वाले कई वर्ग घातक हिंसा का षड्यंत्र करने लगते हैं और लोगों को आर्थिक विपन्नता की तरफ धकेल देते हैं। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा स्थानीय अर्थव्यवस्था के हर पहलू को प्रभावित करता है जहां पर्यटन और शिक्षा मुख्य निशाने पर होता है।