सीआरपीएफ ने अपने तकरीबन आधा दर्जन भारी बख्तरबंद बारूदी सुरंग सुरक्षित वाहनों (एमपीवी) को कश्मीर घाटी स्थानांतरित किया है ताकि वह अपने जवानों की सुरक्षा वैसे हमलों से कारगर तरीके से कर सके जैसा हाल में पम्पोर में हुआ, जिसमें उसके आठ कर्मी मारे गए। इन वाहनों का पहले नक्सल विरोधी अभियानों में इस्तेमाल किया जाता था।
अर्द्धसैनिक बलों ने नक्सल विरोधी अभियानों के लिए इन वाहनों के इस्तेमाल में भारी कटौती कर दी थी जब उन्हें वामपंथी उग्रवाद वाले इलाकों में आईईडी विस्फोटों में निशाना बनाया गया था।
सीआरपीएफ का मानना है कि आतंकवादियों के घात लगाकर किए जाने वाले हमलों की संख्या में वृद्धि के मद्देनजर ये एमपीवी अब जम्मू कश्मीर में अर्द्धसैनिक बल, रक्षा और वीआईपी काफिले की आवाजाही के लिए सड़क को खोलने और सुरक्षित रखने में इसकी बढ़ती भूमिका के मद्देनजर काम आएंगे। सीआरपीएफ के महानिदेशक के दुर्गा प्रसाद ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमने अपने कुछ एमपीवी को वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों से कश्मीर घाटी में स्थानांतरित किया है ताकि काफिले की आवाजाही और सड़क खोलने के कार्यों के दौरान कारगर तरीके से अपने लोगों को सुरक्षित कर सकें। एमपीवी कश्मीर में अभियानों के लिए तैनाती के लिए तैयार हैं। अगर जरूरत पड़ी तो हम और एमपीवी ला सकते हैं।’’