जम्मू कश्मीर के पुलवामा और अनंतनाग जिलों में आतंकवादियों ने मंगलवार (12 जून, 2018) सुबह दो हमले किए जिनमें दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए। मृतकों की पहचान हेड कांस्टेबल गुलाम हसन और गुलाम रसूल लोन के रूप में की गई। दोनों ने अपने समुदाय के सबसे बड़े त्योहार ईद पर घर लौटने का वादा किया था, लेकिन अब दोनों की लाश उनके घर पहुंची है। पिता का शव देखकर शहीद हसन का बेटा बुरी तरह रोने लगा। उसने शव से पूछा, ‘आपने अपना वादा क्यों तोड़ दिया, पापा? आप क्यों हमें अकेला छोड़कर चले गए? क्या तुमने नहीं कहा था कि ईद पर वापस आओगे?’ शहीद पिता से मार्मिक सवाल पूछने वाला यह वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। 40 साल के शहीद गुलाम हसन पत्नी और तीन बेटों 22, 19, 13 के साथ बारामूला के राफियाबाद में रहते थे।
गुलाम हसन की तरह गुलाम रसूल लोन की भी योजना इस बार ईद पर घर लौटने की थी। लोन के बहनोई मोहम्मद यूसुफ ने बताया कि उन्होंने आतंकी हमले से एक रात पहले फोन कर कहा, बच्चों को तैयार रखना, मैं उन्हें घर ले जाऊंगा’ इसपर यूसुफ कहते हैं किसी को पता था कि अगली सुबह हमें यह सब देखना होगा। हसन की तरह लोन का भी खुशहाल पारिवार था। उनके दोनों दो बेटे (12,7) और एक 9 साल की बेटी है जबकि पत्नी गृहणी हैं।
बता दें कि आतंकी हमला उस वक्त हुआ जब घाटी में शब-ए-कद्र मनाई जा रही थी। इसी दौरान आतंकियों ने पुलवामा की जिला अदालत परिसर में सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस पार्टी पर हमला कर दिया। मामले में पुलिस अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने पुलिसर्किमयों पर गोलियां चला दीं जिनमें दो शहीद हो गए और एक अन्य घायल हो गया। शहीद पुलिसर्किमयों की पहचान गुलाम हसन और गुलाम रसूल रूप में की गई। वहीं घायल पुलिसकर्मी को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, विपक्षी दल नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला सहित तमाम नेताओं ने पुलिसर्किमयों की हत्या पर शोक जताया है। वहीं, अनंतनाग जिले में एक अन्य घटना में आतंकवादियों ने सीआरपीएफ के एक दल पर ग्रेनेड फेंककर हमला कर दिया जिसमें कम से कम 10 जवान घायल हो गए। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि सभी घायल जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई गई है।