पंपोर और कुपवाड़ा शहरों समेत कश्मीर घाटी के कई हिस्सों में कर्फ्यू जारी है और शेष घाटी में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध बरकरार है। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुइ झड़पों में मरने वालों की संख्या 34 हो गई है। अधिकारियों ने झड़पों में सात और लोगों की मौत की पुष्टि कर दी है। ये झड़पें हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की एक मुठभेड़ में हुई मौत के बाद शुक्रवार (8 जुलाई) शाम को शुरू हुई थीं।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘मृतक संख्या अब बढ़कर 34 हो चुकी है और इसमें भीड़ की हिंसा में मारा गया एक पुलिसकर्मी भी शामिल है। इसमें एक घायल नागरिक भी शामिल है, जिसने बुधवार (13 जुलाई) सुबह एसकेआईएमएस अस्पताल में दम तोड़ दिया।’ बुधवार (13 जुलाई) सुबह दम तोड़ने वाले मुश्ताक अहमद डार कुलगाम जिले के खुदवानी में शनिवार (9 जुलाई) को घायल हो गए थे।
उन्होंने कहा कि अधिकतर मौतें शनिवार (9 जुलाई) को हुईं। उस दिन भीड़ ने पुलिस पर और दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमला किया था। लेकिन सभी मौतों की वजहों का पता नहीं लगाया जा सका क्योंकि परिस्थितियों के चलते कानून प्रवर्तन एजेंसियां जानकारी नहीं जुटा सकीं। कश्मीर के मंडल आयुक्त असगर समून ने मंगलवार (12 जुलाई) को कहा था कि झड़पों में मरने वाले नागरिकों की संख्या 22 है।
हालिया आंकड़ों के मुताबिक, अधिकतर मौतें अनंतनाग जिले (16) में हुईं। इसके बाद कुलगाम (8), शोपियां (5), पुलवामा (3), श्रीनगर (1) और कुपवाड़ा (1) का स्थान है। पंपोर, कुपवाड़ा और अनंतनाग समेत घाटी के कई हिस्सों में कर्फ्यू जारी है और शेष घाटी में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगे हुए थे। सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ों में नागरिकों की मौतों का विरोध करने के लिए अलगाववादियों ने बंद आयोजित किया है। इसके चलते बुधवार (13 जुलाई) को लगातार पांचवे दिन भी सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।
बंद के चलते दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे जबकि सार्वजनिक और निजी यातायात सड़कों से नदारद रहे। मोबाइल इंटरनेट और रेल सेवाएं अब भी निलंबित हैं जबकि मंगलवार (12 जुलाई) को प्रदर्शनों के दौरान एक युवक की मौत के बाद कुपवाड़ा इलाके में मोबाइल फोन सेवा बंद कर दी गई है। दक्षिण कश्मीर के चार जिलों में मोबाइल फोन सेवा आंशिक तौर पर निलंबित की गई है।