बीएसएफ के जवान गुरनाम सिंह की मौत के बाद उनकी मां जसवंत कौर ने पीएम नरेंद्र मोदी से बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के लिए एक अलग हॉस्पिटल बनवाने की मांग की। जिसमें सेना के जवानों का अच्छे से इलाज हो सके। इसके साथ ही जसवंत कौर ने कहा, ‘गुरनाम ने एक बार मुझसे कहा था मां अगर मैं देश के लिए शहीद हो जाऊं तो रोना मत। मैंने कहा था कि ठीक है नहीं रोऊंगी।’ इसके अलावा गुरनाम की बहन गुरजीत कौर ने भी पीएम मोदी से एक हॉस्पिटल बनवाना की गुजारिश की। गुरजीत कौर ने कहा कि बीएसएफ के जवानों का इलाज करवाने के लिए बनने वाला हॉस्पिटल उनके भाई के नाम से होना चाहिए। गुरजीत कौर ने कहा था, ‘हमारी दुआ कबूल नहीं हुई और मेरा भाई देश के लिए कुर्बान हो गया। हमें बहुत गर्व है कि मेरा भाई देश के लिए शहीद हुआ है। मोदी से सिर्फ एक ही रिक्वेस्ट है कि बीएसएफ जवानों की केयर की जाए। जिस तरह से मेरा भाई वहां पड़ा हुआ था किसी ने कोई केयर नहीं की। किसी और जवान की हालत मेरे भाई जैसी ना हो। मोदी सरकार से एक ही विनती है कि बीएसएफ के लिए स्पशलिस्ट हॉस्पिटल बनाया जाए। जवानों के लिए स्पेशलिस्ट बनाया जाए। मेरे वीरे के नाम का हॉस्पिटल बनवाया जाए।

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गौरतलब है कि 24 साल के गुरनाम पाकिस्तान की तरफ से हुई फायरिंग में घायल हुए थे। उनका इलाज जम्मू के अर्निया में चल रहा था जहां रविवार आधी रात को उन्होंने दम तोड़ दिया। 19-20 अक्टूबर की रात को जम्मू के हीरानगर सेक्टर के बोबिया पोस्ट पर गुरनाम की अपने कुछ साथियों के साथ आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी। गुरनाम के मुस्तैदी के चलते ही आतंकी सीमा पारकर भारत में नहीं घुस पाए थे। इसके बाद 21 अक्टूबर को सुबह नौ बजकर पैंतीस मिनट पर पाकिस्तानी रेंजर्स ने बदला लेने के ख्याल से स्नाइपर रायफल्स से गुरनाम को निशाना बनाया। इसके बाद से उसकी हालत काफी गंभीर बनी हुई थी। गुरनाम पांच साल पहले बीएसएफ में भर्ती हुए थे सिख परिवार में जन्मे गुरनाम जम्मू के रणवीरसिंह पुरा इलाके के रहने वाले हैं।

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