जम्मू कश्मीर की राजधानी श्री नगर में मुहर्रम के महीने के कारण कुछ हिस्सों में सुरक्षा बलों ने भीड़ के जमावड़े पर रोक लगा रखी है। बुधवार (19 सितंबर) को मुहर्रम के आदेश के बिना निकाले जा रहे जुलूस पर सुरक्षा बलों को बल प्रयोग करना पड़ा। ये जुलूस गुरु बाजार से शुरू होकर श्रीनगर के डल गेट इलाके में खत्म होना था। सीआरपीसी की धारा 144 के तहत ये प्रतिबंध श्रीनगर के कुछ इलाकों जैसे शहीद गंज, बटमालू, शेरगढ़ी, करन नगर, कोठीबाग, मैसुमा, क्राल रोड, आरएम बाग और नेहरू पार्क में लगाया गया था।
मुहर्रम का मातम मनाने वालों ने गुरू बाजार से मुहर्रम का जुलूस निकालने की कोशिश की। ये जुलूस डलगेट इलाके में समाप्त होने वाला था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने प्रतिबंधित इलाकों में सुरक्षा के भारी इंतजाम कर रखे थे। सुरक्षा बलों ने इलाके में वाहनों और पदयात्रियों की आवाजाही रोकने के लिए चारों तरफ कंटीली बाड़ भी लगा रखी थी। सनद रहे कि प्रशासन ने इस इलाके में जुलूस निकालने पर सन 1990 से ही प्रतिबंध लगा रखा है।
दोपहर के बाद, पुलिस ने बटमालू इलाके में शिया मातम करने वाले लोगों को जुलूस निकालने की कोशिश करने पर हिरासत में ले लिया। इसके बाद शिया मातमी लाल चौक और जहांगीर चौक के पास जमा होकर जुलूस निकालने की कोशिश करने लगे। उन्होेंने इस्लामी नारे और कर्बला के शहीदों की शान में नारे लगाना शुरू कर दिया। अपने हाथों में बैनर पकड़े हुए ये शिया युवा ज्यादातर काले कपड़े पहने हुए थे। उन्होंने डलगेट इलाके की तरफ जुलूस निकालने की कोशिश की।
इसी वक्त पुलिस ने लाल चौक में लाठी चलाकर मातम करने वालों को खदेड़ना शुरू कर दिया। इसके अलावा लोगों को पहले से खड़े वाहनों में भरकर उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाने का सिलसिला शुरू हो गया। गौर करने वाली बात ये है कि ये मुहर्रम का दसवां दिन था, जिसे यौम ए अशूरा कहा जाता है। इमाम हुसैन (ए.एस.) इसी तारीख को 1400 साल पहले इराक के कर्बला में शहीद हुए थे।