जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकवादियों द्वारा एक कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी गई। कश्मीर के बडगाम जिले के चाडूरा स्थित तहसीलदार कार्यालय में आतंकवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया। कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के विरोध में कश्मीर के हिंदू विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और इस प्रदर्शन में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती भी जाना चाहती थीं। लेकिन उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया है।
वहीं मृतक कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की पत्नी ने कहा, “सरकार हमारी सुरक्षा के बारे में नहीं सोच रही है। हमें बलि का बकरा बनाया जा रहा है। आतंकवादी कश्मीरी पंडितों को टारगेट करके उन्हें मार रहे हैं। जरूर उनके साथ के लोगों ने आतंकवादियों को कुछ बताया होगा तभी आतंकवादी वहां पर पहुंचे और उन्हें मार दिया।”
गुरुवार को भी प्रदर्शन हुआ था और विरोध-प्रदर्शन कर रहे कश्मीरी पंडितों की मांग थी कि जब तक उपराज्यपाल मनोज सिन्हा वहां पर नहीं आते तब तक वह शव को नहीं ले जाएंगे। हालांकि प्रशासन के मनाने पर कश्मीरी पंडित मान गए और शव को राहुल भट्ट के घर ले जाया गया। कश्मीरी पंडितों ने सड़कों पर उतर कर केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के खिलाफ भी नारेबाजी की। कश्मीरी पंडितों ने कहा कि उन्हें टारगेट कर लगातार उनके ऊपर हमले हो रहे हैं और सरकार उन्हें सुरक्षा देने में विफल रही है।
वहीं राहुल भट्ट के पिता ने कहा कि राहुल ने तबादले के लिए पिछले कई महीनों से आवेदन कर रहा था लेकिन जिला प्रशासन ने उसके इस आवेदन पर गौर नहीं किया। उन्होंने कहा, “अगर सरकारी कार्यालय में पंडित सुरक्षित नहीं है, तो फिर कहां है? राहुल की पत्नी और बच्चे भी कश्मीर में है। सरकार कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा देने में विफल रही है। राहुल की नौकरी 2011 में लगी थी, लेकिन वह चाडूरा से ट्रांसफर चाहता था।”
दरअसल कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट तहसीलदार कार्यालय में कार्यरत थे और गुरुवार को अपनी ड्यूटी पर थे। लेकिन गुरुवार दोपहर के वक्त आतंकवादियों ने तहसीलदार कार्यालय में घुसकर राहुल भट्ट की हत्या कर दी। आतंकवादियों ने जब इस घटना को अंजाम दिया, उसके बाद राहुल को आनन-फानन में पड़ोस के अस्पताल में ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इस घटना के बाद कश्मीरी पंडितों और पूरे देश की जनता में गुस्सा देखा जा रहा है। कश्मीरी पंडितों ने घटना के बाद पूरे कश्मीर में सड़कों पर उतर कर विरोध-प्रदर्शन किया। पंडितों ने साफ कहा कि अगर उन्हें सुरक्षा की गारंटी नहीं मिलती है, तो वह अपने कार्य पर नहीं जाएंगे। कश्मीरी पंडितों ने बारामुला-श्रीनगर हाईवे और जम्मू-श्रीनगर हाईवे को जाम कर विरोध-प्रदर्शन किया।
शुक्रवार सुबह राहुल भट्ट का अंतिम संस्कार बनतालाब में किया गया। अंतिम संस्कार के वक्त जम्मू कश्मीर के एडीजीपी मुकेश सिंह, डिविजनल कमिश्नर रमेश कुमार और डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा मौजूद थे। अंतिम संस्कार के वक्त भारी संख्या में सुरक्षा बल और आम लोग भी उपस्थित थे।
