कश्मीर घाटी के हंदवाड़ा में बच्चों को शिक्षा के नाम पर बेवकूफ बनाया जा रहा है। हाजी राजवर इलाके में मौजूद एक सरकारी स्कूल में रोज बच्चे पढ़ने की आस लेकर स्कूल पहुंचते लेकिन उन्हें वहां ताला लगा मिलता। कई दिनों से स्कूल पर ताला लगा देख स्थानीय लोगों को काफी गुस्सा आया और उन्होंने इसके बारे में निर्दलीय विधायक इंजीनियर राशीद को बताया। 24 मार्च, शनिवार को इंजीनियर राशिद अपने कुछ साथियों और स्थानीय लोगों के साथ स्कूल जा पहुंचे और उन्होंने स्कूल का ताला तोड़ दिया।

स्थानीय मीडियो रिपोर्ट्स के अनुसार, राशीद सुबह 11 बजे स्कूल पहुंचे जहां पर करीब पचास बच्चे बाहर खड़े होकर अपने शिक्षकों का इंतजार कर रहे थे, जो कि पिछले कई दिनों से स्कूल नहीं आ रहे थे। स्थानीय लोगों के साथ मिलकर राशीद ने स्कूल के मुख्य दरवाजे पर लगा ताला तोड़ दिया और फिर बच्चों को अंदर ले जाकर वे खुद ही उन्हें पढ़ाने लगे। इस मामले की जानकारी जैसे ही शिक्षा आयुक्त सचिव को लगी उन्होंने तुरंत ही जिला प्रशासन के अधिकारियों और कुपवाड़ा के डिप्टी कमीश्नर को स्कूल भेज दिया।

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने डिप्टी सीईओ को संस्पेंड कर दिया और तीन शिक्षकों को स्कूल में नियुक्त किया है। वहीं इस मामले पर बात करते हुए विधायक इंजीनियर राशीद ने कहा कि उन्होंने इस मामले को लेकर सरकार से गुजारिश की है कि वे अपने कर्तव्यों का ठीक तरह से पालन करें और लोगों के लिए वह करें जो उनका हक है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो आम जनता के पैसों को लूट रहे हैं और अपने काम को लेकर लापरवाही दिखा रहे हैं उनपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। इस मामले के सामने आने के बाद घाटी में सरकार की शिक्षा नीति पर भी सवाल खड़े होते हैं। एक तरफ तो राइट टू एडुकेशन की बात की जाती है तो वहीं दूसरी ओर बच्चों को पर्याप्त शिक्षा देने में लापरवाही बरती जा रही है।