पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने सरकारी सेवा से इस्तीफा देने के तीन साल बाद नौकरशाही में वापसी का संकेत दिया है। फैसल जम्मू कश्मीर के पहले यूपीएससी टॉपर थे। उन्होंने साल 2019 में ‘बढ़ती असहिष्णुता’ का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। बुधवार (27 अप्रैल, 2022) को फैसल ने ट्वीट कर 2019 में सरकारी नौकरी छोड़कर सियासत में जाने के अपने फैसले को लेकर बातें कीं। उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए बताया कि अब वे फिर से नई शुरुआत करने के लिए तैयार हैं।
ट्वीट में ये लिखा
फैसल ने अपने ट्वीट में कहा, “मेरी जिंदगी के आठ महीने (जनवरी, 2019- अगस्त, 2019) इतने भारी रहे कि मैं तकरीबन खत्म हो गया था। एक कल्पना का पीछा करते हुए मैंने वो सब खो दिया, जिसे कई सालों में मैंने बनाया था। जॉब, प्रतिष्ठा, दोस्त और सबकी सद्भावना खो दी, लेकिन कभी उम्मीद नहीं खोई। मेरे आदर्शवाद ने मुझे निराश किया। मुझे खुद पर भरोसा है कि मैं अपने द्वारा की गई गलतियों को सुधारूंगा। जीवन में मुझे एक और मौका मिलेगा। उन आठ महीनों की यादों का एक हिस्सा मिट चुका है और मैं उस विरासत को पूरी तरह मिटाना चाहता हूं। इसका बहुत सारा हिस्सा पहले ही खत्म हो गया है। बची बातों पर भी समय पोंछा मार देगा।”
साल 2019 में इस्तीफा देने के बाद फैसल ने अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी “जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट” बनाई थी और विधानसभा चुनाव लड़ने की मंशा जताई थी, लेकिन अगस्त 2020 में उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
फैसल आईएएस अधिकारी से पहले एक डॉक्टर थे। एक सरकारी अधिकारी के तौर पर उनका अंतिम पद जम्मू और कश्मीर पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (JKPDC) के प्रबंध निदेशक का था। उन्हें जून 2018 में हार्वर्ड केनेडी स्कूल में सार्वजनिक प्रशासन के लिए एडवर्ड मेसन फेलो के रूप में भी चुना गया था।
बुधवार को उनके ट्वीट के बाद, फैसल के दोस्तों, पूर्व सिविल सेवा सहयोगियों और कुछ भाजपा नेताओं ने भी उनके फैसले की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की सदस्य खुशबू सुंदर ने ट्वीट करते हुए कहा, “उम्मीद है कि आप अपनी गलतियों को नहीं दोहराएंगे। उम्मीद ही जिंदगी है।”