कठुआ रेप केस की पैरवी अपने हाथ में लेकर चर्चा में आईं जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की वकील दीपिका सिंह राजावत को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस मिला है। यह जानकारी दीपिका राजावत ने खुद ट्वीट कर दी है। उन्होंने सरकारी अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। अब इस मामले में राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल से कार्यवाई की अपील की है।

वकील दीपिका राजावत को सरकारी बंगला इसी साल जून में मिला था। कठुआ रेप केस की पैरवी शुरु करने के बाद उन्होंने अपनी जान का खतरा बताया था। जिसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने दीपिका को सरकारी बंगला अलॉट कर दिया था। हालांकि कुछ समय पहले पीड़ित पक्ष ने दीपिका पर आरोप लगाते हुए कोर्ट से उन्हें हटाकर किसी अन्य को जिम्मेदारी दे की याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद दीपिका केस से हट गई थीं। अब प्रशासन ने उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस थमा दिया है।

दीपिका ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि, ‘अधिकारी मुझे प्रताड़ित कर रहे हैं। मुझे जून 2018 में मिला सरकारी आवास खाली करने को कहा गया है। अगर मेरे लिए यह संभव होता तो मैं पहले ही आवास खाली कर देती। इस मामले में उच्‍चधिकारियों की मदद चाहती हूं’। दीपिका ने इस पोस्ट में महबूबा मुफ्ती को भी टैग किया है।

इसके बाद दीपिका के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए मुफ्ती ने लिखा, अजीब है… मासूम बच्‍ची के साथ हुई दरिंदगी के खिलाफ जो महिला खड़ी हुई है, उस पर सरकारी आवास खाली करने का दबाव डाला जा रहा है। राज्‍यपाल को उसकी सुरक्षा और संरक्षण के लिए कार्रवाई करने की जरूरत है।

बता दें कि, कठुआ में आठ साल की बच्ची से हुई दरिंदगी का केस को लड़ने वाली दीपिका को पीड़ित परिवार ने हटाने का फैसला किया था। कठुआ पीड़िता के पिता ने कहा था कि दीपिका अदालत में सुनवाई के दौरान बहुत कम ही आती हैं।