आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को कहा कि कश्मीर में पत्थबाजों से निपटने के लिए मेजर लीथुल गोगोई द्वारा मानव ढाल की रणनीति को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) नहीं माना जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय सेना मानव अधिकारों को लेकर बहुत संवेदनशील है और हमेशा अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड बनाए रखती है। एयर फोर्स अकेडमी में कम्बाइंड ग्रेजुएशन परेड के बाद जनरल रावत ने मीडिया से कहा कि सेना कश्मीर में शांति लाने के लिए दिन और रात काम करती है और इससे हालात बिगड़ते नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘कश्मीर में सभी सुरक्षा एजेंसियां अच्छा काम कर रही हैं। हालांकि दक्षिण कश्मीर के कुछ हिस्से में संघर्ष हो रहा है जहां स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जरूरी कार्रवाई की जा रही है। मुझे नहीं लगता कि इसके के लिए किसी को चिंतित होना चाहिए।’
कश्मीरी युवाओं द्वारा भारतीय सेना पर हमले करने और हथियारों से उन्हें निशाना बनाए जाने के सवाल पर रावत ने कहा कि लोगों में गलत सूचनाएं और दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है। लेकिन जल्द ही उन्हें पता चल जाएगा कि ये सब अपने ही राज्य और लोगों के लिए अच्छा नहीं है। दूसरी पाकिस्तान द्वारा बार-बार युद्धविराम उल्लंघन के सवाल पर रावत ने कहा, ‘वो इस एक रणनीति के तहत ऐसा करते हैं लेकिन भारतीय सेना बखूबी इसका मुकाबला किया।’ वहीं हाल में उनके द्वारा ‘पाकिस्तान के संबंध में सभी विकल्प खुल हैं’ टिप्पणी पर सवाल पूछा तो वो इससे बचते हुए नजर आए। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि इस सवाल को बार-बार पूछने से कोई फायदा नहीं है क्योंकि इसका जवाब पहले ही दिया जा चुका है।’
सेना पर राजनीतिक कमेंट किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आर्म्ड फोर्स अपना काम करती है। हम ऐसी बातों को लेकर चिंतित नहीं होते। बता दें कि कांग्रेस नेता संदीप दिक्षित ने भारतीय सेना पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि हमारी फौज जितनी सशक्त हैं और जिस तरह सीमाओं की सुरक्षा करती हैं और जब भी पाकिस्तान वहां हरकत करता है वो उसका जवाब देती हैं। वो सबको मालूम है। ये दूसरी बात है कि प्रधानमंत्री इस बात को ज्यादा जोर से चिल्लाते हैं। लेकिन हमारी सेना सशक्त है। हमने हमेशा सीमा पर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। आज की बात नहीं ये पिछले 70 साल से चला आ रहा है। पाकिस्तान एक ही चीज कर सकता है कि जाकर इस तरह की हरकतें करे और ऊल जुलूल बयान दे। खराब तब लगता है जब हमारे भी थल सेनाध्यक्ष एक सड़क के गुंडे की तरह बयान देते हैं।
