जम्मू-कश्मीर में तनावपूर्ण हालात की आशंका बरकरार है। इसी के मद्देनजर प्रशासन ने राज्य में सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत कर दी है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य में इंटरनेट और लैंडलाइन सेवाएं बंद कर दी गई हैं। वहीं अफसरों को सैटेलाइट फोन दे दिए गए हैं। राजधानी श्रीनगर में भी धारा-144 लगा दी गई है। राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्हें अटल जी की कमी महसूस हो रही है।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने डीजीपी को आदेश दिया कि उन्हें राज्य के हालात को लेकर हर घंटे की जानकारी दें। हालात पर सीधे राजभवन से नजर आएगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आपातकालीन बैठक बुलाई है। बैठक में डीजीपी, चीफ सेक्रेटरी, आईजी समेत तमाम बड़े अफसर मौजूद हैं। जम्मू-कश्मीर में किसी भी प्रकार की जनसभा, रैली आदि के आयोजन की इजाजत नहीं होगी।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी कश्मीर के लोगों में विश्वास बहाली के लिये ‘‘प्रभावी और तत्काल’’ कदम उठाने की मांग करती है। उन्होंने कहा कि पार्टी संविधान के अनुच्छेद 370 और 35-ए की रक्षा के लिये अतिरिक्त प्रयास करने के लिये तैयार है।
जम्मू-कश्मीर में भ्रम की स्थिति और सुरक्षा बढ़ाए जाने के बीच श्रीनगर के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के सैकड़ों छात्र अपने-अपने घरों के लिए रवाना हो गये हैं। स्थानीय प्रशासन उनकी सुगम यात्रा में सहयोग कर रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों के निवासी ये छात्र लगभग आधी रात के वक्त श्रीनगर से जम्मू पहुंचे। हालांकि, वे अपने संस्थान में शीघ्र लौटने की उम्मीद कर रहे हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी कश्मीर के लोगों में विश्वास बहाली के लिये ‘‘प्रभावी और तत्काल’’ कदम उठाने की मांग करती है। उन्होंने कहा कि पार्टी संविधान के अनुच्छेद 370 और 35-ए की रक्षा के लिये अतिरिक्त प्रयास करने के लिये तैयार है।
कश्मीर में तनावपूर्ण हालात को देखते हुए कई इलाकों में सड़क यातायात रोक दिया गया।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने रविवार को जम्मू-कश्मीर में अनिश्चितता और तनावपूर्ण स्थिति को लेकर चिंता वयक्त करते हुए कहा कि उनकी पार्टी राज्य के विशेष दर्जे से होने वाली किसी भी छेड़छाड़ का विरोध करेगी।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा बीच में ही समाप्त करने और तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों से यथाशीघ्र घाटी छोड़ने के लिए कहे जाने के बाद परेशान स्थानीय लोग घरों में जरूरी सामानों का स्टॉक करने के लिए दुकानों और ईंधन स्टेशनों पर बड़ी-बड़ी लाइनों में खड़े नजर आए।
आतंकवादी हमले की आशंका और नियंत्रण रेखा पर तनातनी बढ़ने के बीच कश्मीर घाटी में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाए जाने के साथ ही रविवार को तनाव की स्थिति बनी रही।
राज्य में सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। अमरनाथ यात्रियों और सैलानियों से कश्मीर छोड़ने के लिए कहे जाने के बाद से ही असमंजस के हालात बने हुए हैं।
राज्य के हालात को देखते हुए जम्मू यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं टाल दी गईं।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने डीजीपी को आदेश दिया कि उन्हें राज्य के हालात को लेकर हर घंटे की जानकारी दें। हालात पर सीधे राजभवन से नजर आएगी।
उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सफाई दी है। मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि किसी भी नेता को नजरबंद नहीं किया गया है।
जम्मू-कश्मीर में किसी भी प्रकार की जनसभा, रैली आदि के आयोजन की इजाजत नहीं होगी।
कश्मीर में इंटरनेट सर्विस रोके जाने पर एक ताजा अपडेट के मुताबिक राज्य में सिर्फ मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगी है। ब्रॉडबैंड सर्विस अभी भी जारी है।
प्रसिद्ध तीर्थ स्थल वैष्णो देवी मंदिर के लिए चर्चित जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में भी धारा 144 लगाने की खबर सामने आई है। जिले के डिप्टी कमिश्नर इंदु कंवल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थाओं की भी छुट्टी घोषित कर दी गई है।
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्वीट में लिखा, 'मैं अपने लोगों को आश्वासन देना चाहती हूं कि जो भी हो हम साथ हैं और मिलकर लड़ेंगे। कुछ भी हमारे अधिकारों और दृढ़ता को डिगा नहीं सकता।'
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में लिखा है, 'मुझे आज रात से घर में ही नजरबंद किया जा सकता है और मुख्यधारा के नेताओं के लिए प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है। अल्लाह हमारी रक्षा करे। कश्मीर के लोगों के लिए मेरी शुभकामनाएं, सुरक्षित रहें और कृपया शांत रहें।'
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने खुद को नजरबंद किए जाने की आशंका जाहिर की है। दोनों नेताओं को घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दिए जाने की भी खबर है।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने खुद को नजरबंद किए जाने की आशंका जाहिर की है। दोनों नेताओं को घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दिए जाने की भी खबर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य में इंटरनेट और लैंडलाइन सेवाएं बंद कर दी गई हैं। वहीं अफसरों को सैटेलाइट फोन दे दिए गए हैं। राजधानी श्रीनगर में कर्फ्यू लगा दिया गया है।