जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी संगठन (Banned Organization Jamat-e-Islami) से संबद्ध फलाह-ए-आम (FAT) द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों को आने वाले 15 दिनों के भीतर सील कर दिया जाएगा। ऐसे संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को आस-पास के किसी सरकारी स्कूल में दाखिला ले सकेंगे और इसके बाद आगे से इस संस्थान का कोई रजिस्ट्रेशन भी नहीं किया जाएगा। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 300 से भी ज्यादा संस्थान फलाह-ए-आम की ओर से चलाए जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के स्कूल शिक्षा विभाग ने ये फैसला लिया है।
जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने मीडिया से बातचीत में बताया, जमात-ए-इस्लामी के अधिकर स्कूल एफएटी से संबद्ध हैं इसके अलावा मदरसों, अनाथालयों, मस्जिदों और कई तरह के परोपकारी काम से अपना काम चलाता है। अधिकारियों ने आगे बताया कि साल 2008 से लेकर साल 2016 तक इसी तरह के संस्थानों ने वहां हिंसा और अशांति फैलाई थी।
नए एडमिशन पर लगाया प्रतिबंध
जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने आगे बताया कि प्रतिबंधित किए गए एफएटी के संस्थानों में अब कोई नया एडमिशन नही किया जाएगा। मुख्य शिक्षा अधिकारी और क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी से भी इन्हें गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों के बारे में बड़े स्तर पर प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है।
कानूनी नियमों को ताक पर रख की धोखाधड़ी
कश्मीर पुलिस (Kashmir Police) ने इन स्कूलों की जांच की थी। जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि एफएटी की ओर से बहुत से अवैध काम किए गये हैं जिसमें कानून के नियमों को ताक पर रख कर अतिक्रमण, धोखाधड़ी, और कई जमीनों पर कब्जा जैसे कई आपराधिक काम किए हैं। ये एक कट्टरपंथी संगठन है जो जमात-ए- इस्लामी से संबद्ध है। इसको गृहमंत्रालय ने प्रतिबंधित किया है।
गनप्वाइंट पर लोगों की जमीन कब्जा करने के आरोप
जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने बताया कि ये समुदाय लोगों से गन प्वाइंट पर भी जमीन पर कब्जा किया है। 300 से ज्यादा संख्या वाले लगभग सभी एफएटी स्कूल अवैध रूप से कब्जा किए हुए अधिग्रहित सरकारी और सामुदायिक भूमि पर पाए गए हैं। इस संगठन के लोगों ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर कई फर्जी संस्थाएं बनाई हैं। इन पर पहले से एफआईआर भी दर्ज है। इस संगठन ने पिछले 30 सालों से आतंकियों के इशारों पर काम किया है।