उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में दरोगा और रिमांड मजिस्ट्रेट के बीच अजीब तरह का मामला सामने आया है। इस मामले में अब रिमांड मजिस्ट्रेट ने दरोगा के खिलाफ की है। मजिस्ट्रेट ने शिकायत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और एसएसपी से की है। रिमांड मजिस्ट्रेट का आरोप है कि दरोगा कोर्ट की अवमानना करते हुए आरोपी की रिमांड बढ़ाना चाहते थे। इसको लेकर दरोगा की ओर से दबाव बनाया गया। इसके साथ दरोगा ने ये भी कहा कि पुलिस ने बड़े-बड़े जज ठीक किए है।
दरोगा और न्यायिक मजिस्ट्रेट के बीच चल रहा विवाद हर रोज नई कहानी दिखा रहा है। बीते दिनों पहले दरोगा सचिन कुमार न्यायिक मजिस्ट्रेट पर आरोप लगाते हुए ट्रेन के सामने आत्महत्या करने की कोशिश करने जा रहे थे। सचिन की आरोप की बात करें तो उन्होंने न्यायिक मजिस्ट्रेट से बाइक चोरी में पांच अभियुक्तों को पेश करके उनकी रिमांड मांगी।
चोरों के साथ दरोगा को भी खड़ा कर दिया
इस पर जज साहब ने मामले को ही फर्जी बता दिया। इसके साथ ही जज साहब ने उनके साथ अभद्रता की। दरोगा को मजिस्ट्रेट ने शाम 5 बजे से रात के 10 बजे तक बाइक चोरों के साथ खड़ा कर दिया। इसके अलावा दरोगा ने यह भी आरोप लगाया कि हर 10 मिनट के बाद रेस्ट रूम में बुलाकर जज उनसे अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे थे।
इस मामले में रिमांड मजिस्ट्रेट की ओर से आगे कहा गया कि सचिन कुमार ने विधिक कार्रवाई की बात कही। इसके साथ ही सचिन ने मजिस्ट्रेट के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि पुलिस ने बड़े-बड़े जजों को ठीक कर दिया है। अभी एक रिपोर्ट लिखा देंगे तो दिमाग ठिकाने आ जाएगा। इतना ही नहीं सचिन ने रिमांड पेपर और डायरी फेकते हुए कहा कि इसको आप ही रखिए हैं। मुल्जिम को ले जा रहे हैं। आपके खिलाफ हम मुकदमा दर्ज कराएंगे कि आप ने मुझे अपमानित किया है और आत्महत्या करने पर मजबूर किया है।
इसके बाद सचिन कुमार रेल पटरी पर जाकर आत्महत्या की कोशिश करने लगे। उनको अन्य पुलिस कर्मियों द्वारा बचाया गया। जिसके बाद अब रिमांड मजिस्ट्रेट ने दरोगा सचिन की शिकायत एसएसपी और मुख्य न्यायिक अधिकारी की है।