राजस्थान में महंगाई इस कदर बढ़ी है कि सब्जी-भाजी और खाद्यान्न रसोई से दूर हो गया है। कारोबारी संगठनों का कहना है कि नोटबंदी और जीएसटी ने व्यापार को धक्का पहुंचाया और उसका असर अब महंगाई के रूप में आम जरूरतों की चीजों पर दिखाई दे रहा है। व्यापार संगठनों का कहना है कि सरकार की नीतियों के कारण कारोबार में मंदी का दौर होने से लोगों को महंगाई से दो-चार होना पड़ रहा है। राज्य में खाद्य वस्तुओं के साथ ही फल और सब्जी के दाम आसमान छू रहे हैं। निम्न और मध्यम वर्ग की कमर तो टूट चुकी है। महंगाई का ही असर है कि राजस्थान में भवन निर्माताओं के साथ ही आभूषण कारोबारी हताश हो गए हैं। भवन निर्माण गतिविधियां ठप होने से इस क्षेत्र में रोजगार भी खत्म होने के कारण लोगों की क्रय शक्ति जबाव दे गई है।

राजस्थान की सबसे बड़ी फल व सब्जी मंडी जयपुर की मुहाना के अध्यक्ष राहुल तंवर का कहना है कि नवंबर से ही सब्जियों के भावों में तेजी आ गई है। टमाटर, प्याज और लहसुन के भाव सिर चढ़कर बोल रह हैं। इसके साथ ही मौसमी फल भी आम आदमी की जेब से दूर रहे। तंवर का तो कहना है कि राज्य सरकार ने फल और सब्जियों के भावों में गिरावट के लिए कोई प्रयास तक नहीं किए। सब्जियों की बात करें तो नवंबर में ही खुदरा महंगाई दर 22.48 फीसद रही। फलों के मामले में ये दर 6.9 रही। यह महंगाई दर साल में सबसे ज्यादा रही। उनका कहना है कि दिसंबर में भी यही हाल चल रहा है।

प्रदेश की खाद्य और अनाज मंडियों के प्रति राज्य सरकार के सख्त रवैये ने भी व्यापारियों को परेशान करके रखा। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के प्रमोद मित्तल का कहना है कि धनिया 700 रुपए और सौंफ 1200 रुपए प्रति कुंतल महंगी हो गई। इसके साथ ही चीनी की मिठास भी कम हो गई। उनका कहना है कि नवंबर में थोक महंगाई आठ महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। महंगाई में बढ़ोतरी की मुख्य वजह खाद्य सामग्री और पेट्रोलियम उत्पादों की क ीमतें रही। खाद्य महंगाई में नवंबर और चालू दिसंबर महीने में जो इजाफा हुआ है वो बढ़कर 4.12 फीसद के स्तर पर पहुंच गया है। उनका कहना है कि खाने पीने की चीजों पर सरकार ने रियायतें नहीं दी तो निश्चित तौर पर आने वाले समय में महंगाई और बढ़ेगी।

दूसरी तरफ प्रदेश के खाद्य और उपभोक्ता मामलों के विभाग ने अपने स्तर पर महंगाई को थामने का कोई प्रयास ही नहीं किया। विभाग का कहना है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बीपीएल और अन्य गरीबों की खाद्य सामग्री के दामों में कहीं बढ़ोतरी नहीं की गई है। विभाग ने अन्य वस्तुओं और फल सब्जी के दामों में बढ़ोतरी से अपना पल्ला झाड़ लिया। उसका कहना है कि महंगाई देशव्यापी है।

जयपुर में महंगाई की मार से सबसे ज्यादा परेशानी गृहणियों को हुई। उनके रसोईघर में दाल और सब्जी की महक बिगड़ गई। जयपुर के सी स्कीम इलाके की रेणु शर्मा का कहना है कि महंगाई ने ऐसा हाल कर दिया कि अब मेहमानों को बुलाने में ही डर लगने लगा है। घर की थाली में ही कटौती करनी पड़ रही है। उनका कहना है कि महंगाई ने खाने पीने की चीजों को ही नहीं छोड़ा है। उनके लिए तो अब नए कपड़े लेना और घूमना फिरना ही मुश्किल हो गया है। पर्यटन शहर होने के नाते जयपुर में पहले ही आवाजाही के साधन बहुत महंगे है। ऐसे में घर चलाना महिलाओं के लिए परेशानी वाला हो गया है।