भारत और नेपाल के बीच उत्तराखंड में चंपावत के रास्ते चलने वाली मैत्री बस सेवा 27 साल बाद सोमवार को फिर बहाल हो गई। सीमा के दोनों तरफ के लोगों के लिए यह काफी खुशी की बात है, जिनके एक-दूसरे के साथ पारिवारिक और व्यापारिक संबंध हैं। शारदा बैराज इंटरनेशनल थाने के प्रभारी बीएम उप्रेती ने कहा कि उत्तराखंड के चंपावत जिले से लगी बनबासा सीमा के करीब नेपाल में कंचनपुर और दिल्ली के आनंद विहार के बीच चलने वाली बस को सोमवार से नियमित कर दिया गया है। इससे पहले बस को एक सप्ताह के लिए प्रायोगिक आधार पर चलाया गया। उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल व्यापार व पारगमन समझौते के मद्देनजर 27 साल पहले बस सेवा को निलंबित कर दिया गया था।

उप्रेती ने कहा कि लंबे समय तक निलंबित रहने के बाद बस सेवा को बहाल किए जाने का सीमा के दोनों तरफ के स्थानीय लोगों ने स्वागत किया है क्योंकि आठ से 10 हजार नेपाली इन बसों में नेपाल में कंचनपुर जिले, दंडेल धुरा, वोटी, सापेन, अचम, कलाली, जगबुद्धा और सिद्धार्थ नगर क्षेत्रों से सीमा के दोनों तरफ के लोग यात्रा करते हैं। उन्होंने कहा कि इलाके के टनकपुर डिपो को उत्तराखंड परिवहन निगम के लिए आय के बड़े स्रोत में से एक माना जाता है।

इन वातानुकूलित बसों पर भारत और नेपाल के ध्वज बने रहते हैं। ये बसें नेपाल के कंचनपुर जिले में प्रतिदिन सुबह छह बजे प्रवेश करेंगी और प्रतिदिन शाम को छह बजे वहां से दिल्ली के लिए रवाना होंगी। उन्होंने कहा कि इन बसों में यात्रा के लिए किसी विशेष दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है। इसमें यात्रियों को मुफ्त में वाई-फाई कनेक्टिविटी और एक बोतल मिनरल वाटर प्रदान किया जाता है।