उत्तर प्रदेश में अपराधियों में एनकाउंटर का खौफ इस कदर बैठ गया है कि वे इससे बचने के लिए खुद थाने में आकर समर्पण कर रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली में भी हत्या के एक आरोपी द्वारा आत्मसमर्पण करने का मामला सामने आया है। उसने पुलिस अधीक्षक (एसपी) से गोली न मारने की गुहार लगाई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि झंझाना थाने के अंतर्गत आने वाले गांव ख्वाजपुरा में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। परिजनों ने गांव के कुछ लोगों को नामजद किया था। आरोपियों में से चार को पहले ही जेल भेजा जा चुका है। अधिकारी ने बताया कि मामले के फरार आरोपी मनशाद ने थाने में समर्पण कर दिया है। इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है। आरोपी ने हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। उसने बताया कि वह एसपी से डर गया था कि कहीं उसे गोली न मार दी जाए। योगी आदित्यनाथ के कमान संभालने के बाद उत्तर प्रदेश प्रशासन ने अपराधियों के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है। राज्य में अब तक एनकाउंटर की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इससे अपराधियों में खौफ व्याप्त है। हत्या से लेकर लूट, छिनैती, अपहरण, छेड़खानी, बलात्कार आदि के आरोपी एनकाउंटर से बचने के लिए पुलिस के समक्ष समर्पण कर रहे हैं, ताकि किसी तरह जान बच जाए।
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शामली के झांझना थानाक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ख्वाजपुरा गांव में जनवरी में हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। अपराधियों ने तैयब उर्फ जाला को शाम को तकरीबन साढ़े सात बजे घर से बाहर बुलाया था। उस वक्त वह खाना खा रहा था। खाना खाने के बाद वह घर के पास ही स्थित दुकान पर गया था जहां पहले से ही मौजूद दो लोगों ने उसे गोली मारकर मौके से फरार हो गए थे। हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिजनों ने घंटों तक शव को नहीं उठाने दिया था। पुलिस अधिकारियों द्वारा समझाने-बुझाने के बाद परिजन माने थे। परिजनों ने गांव के ही कुछ लोगों को नामजद किया था। उसमें मनशाद का नाम भी शामिल था। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने कुछ दिनों पहले ही मुठभेड़ के बाद 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश विपुल खूनी को गिरफ्तार किया था। उसके अन्य साथियों को भी पुलिस ने दबोचा था। आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी के शुरुआती सप्ताह तक योगी सरकार में 921 एनकाउंटर हो चुके थे। इनमें 31 अपराधियों को ढेर किय गया था। वहीं, दो हजार से ज्यादा अपराधियों को जेल भेजा जा चुका था।

