मौजूदा साल का पहला महीना भी नहीं बीता है और देशभर में स्वाइन फ्लू के शिकार लोगों की तादाद 1694 तक पहुंच गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन काम करने वाले राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के आंकड़ों के मुताबिक, एक जनवरी से 13 जनवरी के बीच पूरे देश में स्वाइन फ्लू से पीड़ित 1694 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है और करीब 49 लोगों की मौत भी हो गई है। कई राज्यों में इस बीमारी को लेकर चेतावनी भी जारी की गई है। स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मामले राजस्थान में आए हैं, जहां अब तक 789 पुष्ट मामलों के साथ 31 मौतें हो चुकी हैं।
वहीं मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, मरने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है। दिल्ली में भी स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या 168 तक पहुंच गई है। बीते साल शहर में इस बीमारी के कुल 205 मामले दर्ज किए गए थे और दो मौतें हुई थीं। एनसीडीसी के मुताबिक, इस साल अभी तक दिल्ली में स्वाइन फ्लू से कोई मौत नहीं हुई है। राममनोेहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ वीके तिवारी ने बताया कि हमारे यहां स्वाइन फ्लू से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है। इसके मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाए गए हैं। बीते दिसंबर से अब तक अस्पताल में चार मामलों की पुष्टि हुई है। वहीं दिल्ली के बाहर से आए एक मरीज की मौत भी हुई थी। उन्होंने बताया कि सर्दी-जुकाम के लक्षण वाले हर मरीज की स्वाइन फ्लू की जांच की जा रही है।
एम्स और सफदरजंग अस्पताल में भी स्वाइन फ्लू के लिए अलग वार्ड बनाए गए हैं, जहां एक-दो मरीजों का आना जारी है। अस्पतालों के आइसोलेशन में ऐसे मरीजों के इलाज का इंतजाम किया गया है। साथ ही वहां तैनात कर्मचारियों को मास्क लगाने सहित कई जरूरी निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली में स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा 4307 मरीज साल 2015 में आए थे। वहीं 2017 में 2835 मामले और 16 मौतें दर्ज की गई थीं। 2013 में दिल्ली में करीब डेढ़ हजार मामले सामने आए थे।
