मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अब तक सबसे मजबूत और एकजुट कैबिनेट में भी दरारें दिखनी शुरू हो गई हैं। खासकर ऐसे वक्त जब कोविड-19 के बाद मंत्रियों और विधायकों को एकजुट रहने की सबसे ज्यादा जरूरत बताई जा रही है। बताया गया है कि मंगलवार को कैबिनेट मंत्रियों की बैठक के दौरान पार्टी के दो सीनियर नेता- खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर आपस में भिड़ गए। दोनों के बीच कार्यशैली को लेकर जबरदस्त बहस हुई। चौंकाने वाली बात यह है कि दोनों के बीच यह बहस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने ही हुई।

क्यों उलझे शिवराज के कैबिनेट मंत्री?: दैनिक भास्कर की ख़बर के मुताबिक बैठक के दौरान ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर अपने विभाग का प्रेजेंटेशन दे रहे थे। इसी दौरान यशोधरा राजे सिंधिया ने उनसे बिजली विभाग की कार्यशैली, दक्षता और समय पर काम करने की प्लानिंग पर सवाल किए। सिंधिया ने तंज कसते हुए पूछा कि क्या सिर्फ बिजली के खंभे पर चढ़ जाने से कुछ होने वाला है? इसी को लेकर प्रद्युम्न सिंह भड़क गए और यशोधरा से बीच में न बोलने को कहने लगे।

इस टोका-टाकी के बाद प्रद्युम्न सिंह तोमर आगे का प्रेजेंटेशन यशोधरा राजे सिंधिया को देखकर देने लगे। कई मौकों पर तो उनकी आवाज भी तेज थी। इस बीच यशोधरा फिर से बिजली विभाग को लेकर सवाल पूछने में नहीं चूकीं और कहा कि तोमर की प्रेजेंटेशन में विभाग की वर्किंग के बारे में कुछ नहीं है। बताया गया है कि तोमर ने बैठक में और तेज आवाज में यशोधरा को बैलेंस सीट भिजवाने और सुधार देखने को कहा। बाद में उन्होंने मंत्री से बीच बैठक में शांत रहने के लिए भी कह दिया।

इसे लेकर यशोधरा काफी नाराज हो गईं और तोमर को तेज आवाज में न बोलने की नसीहत देने लगीं। दोनों नेताओं के बीच बहस बढ़ती देख बाद में खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान को आगे आना पड़ा। उन्होंने तोमर से शांत रहने और प्रेजेंटेशन आगे बढ़ाने के साथ विभाग की उपलब्धियां बताने के लिए कह दिया। जानकारी के मुताबिक, इसके बाद तोमर की आंखों में आंसू आ गए और वे यशोधरा से हाथ जोड़कर माफी मांगने लगे।

बिजली विभाग की कार्यशैली पर दूसरे मंत्रियों ने भी उठाए सवाल: गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब यशोधरा राजे सिंधिया ने किसी विभाग की कार्यशैली को लेकर सवाल उठाए हैं। पिछले हफ्ते ही उन्होंने कैबिनेट बैठक के दौरान रेत ठेकेदारों को राहत देने का विरोध किया था। इस हफ्ते भी बैठक के दौरान उन्होंनेकई सवाल पूछे। हालांकि, बिजली महकमे की कार्यशैली पर सवाल उठाने वाली में वे अकेले नहीं रहीं। उनके अलावा राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और भूपेंद्र सिंह ने भी कहा कि बिजली का बिल ज्यादा आने से जनता में नाराजगी फैलती है। जब सरकार करोड़ों की सब्सिडी दे रही है, तो इतनी अव्यवस्था क्यों है?