देशभर में कोरोनावायरस के केसों में तेजी देखी जा रही है। कई राज्यों में तो तेजी से उभरी दूसरी लहर के चलते स्वास्थ्य महकमा अब तक मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पाया है। ऐसा ही हाल मध्य प्रदेश का भी है, जहां लगातार बढ़ते एक्टिव केसों के बीच मरीजों को बुनियादी इलाज तक नहीं मिल पा रहा है। एक दिन पहले ही इस खराब व्यवस्था का शिकारएक महिला पुलिसकर्मी के पति भी हो गए।

बताया गया है कि मुंगावली में पदस्थ 50 साल के पटवारी कमलेश भगत की मंगलवार को कोरोना से जान चली गई। पटवारी की तबियत खराब होने के बाद चंदेरी में तैनात उनकी सब-इंस्पेक्टर पत्नी उन्हें भर्ती कराने इंदौर के जिला अस्पताल लाई थी। लेकिन हालत गंभीर होने के बावजूद अस्पताल में उन्हें एक बिस्तर तक नहीं मिल सका।

इसके बाद महिला पुलिसकर्मी को मजबूरन पति को फर्श पर गद्दा बिछाकर लिटाना पड़ा। हालांकि, इलाज न मिलने के कारण देर रात उनका निधन हो गया। महिला का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने उनके पति के इलाज में लापरवाही बरती। उन्होंने कहा कि कई बार मिन्नतें करने के बाद भी डॉक्टर उन्हें देखने नहीं आए। न तो उन्हें कोई दवा दी गई और न ही कोई इंजेक्शन लगाया गया। बताया गया है कि मृतक कमलेश खुद भी कंटेनमेंट जोन के प्रबंधन समेत अन्य कार्यों में जुटे थे।

मध्य प्रदेश में 89 हजार मरीज उपचाराधीन, सबसे ज्यादा इंदौर में: बता दें कि मध्य प्रदेश में लगातार 12 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या सवा छह लाख के पार हो चुकी है। वहीं, मरने वालों की संख्या छह हजार के पार जा चुकी है। फिलहाल एमपी के अस्पतालों में 89,244 मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें सबसे बुरे हालात इंदौर के ही हैं, यहां अब तक करीब 1.20 लाख केस मिल चुके हैं। इनमें 12 हजार मरीज उपचाराधीन हैं, जबकि राज्य में सबसे ज्यादा मौतें (1176) भी इसी जिले में हुई हैं।